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अमित शाह हिजाब के पक्ष में या विरोध में? जानिए उन्होंने क्या कहा

कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध के विवाद के बीच अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लोगों को स्कूल के ड्रेस कोड को स्वीकार करना चाहिए। हालाँकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी अदालत के फ़ैसले का पालन करेंगे।

गृह मंत्री का यह बयान तब आया है जब इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। मुसलिम छात्राओं ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंधों को चुनौती दी है। छात्राओं ने 5 फ़रवरी को कर्नाटक सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए कहा है कि इसने संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन किया है। छात्राओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने सवाल किया था, 'वह क़ानून कहाँ है जिसके आधार पर हिजाब प्रतिबंधित है'।

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कामत ने कहा था, 'सरकार द्वारा की गई घोषणा कि हिजाब पहनना अनुच्छेद 25 द्वारा संरक्षित नहीं है, पूरी तरह से ग़लत है।' कामत ने कहा कि केन्द्रीय विद्यालय भी एक समान रंग के हिजाब की अनुमति देते हैं। उन्होंने कहा, 'केंद्रीय विद्यालय आज भी एक अधिसूचना द्वारा अनुमति देते हैं कि हालाँकि उनके पास वर्दी है, मुसलिम लड़कियों को वर्दी के रंग का हिजाब पहनने की अनुमति है।'

इस मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा है कि हिजाब पहनना इसलाम की एक अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है। इसके साथ ही इसने कहा है कि हिजाब पहनने को रोकना धार्मिक स्वतंत्रता की संवैधानिक गारंटी का उल्लंघन नहीं है।

कर्नाटक में इसी हिजाब विवाद पर पूछे गए एक सवाल का अमित शाह जवाब दे रहे थे। उन्होंने न्यूज़ 18 टीवी चैनल से एक साक्षात्कार में कहा, 'यह मेरा निजी विश्वास है कि सभी धर्मों के लोगों को स्कूल के ड्रेस कोड को स्वीकार करना चाहिए। यह मामला अब अदालत में है, और अदालत इस मामले पर अपनी सुनवाई कर रही है। कोर्ट जो कुछ भी तय करता है उसका सभी को पालन करना चाहिए।' 

अदालत द्वारा एक अंतरिम आदेश पारित किया गया है जिसमें छात्रों से कहा गया है कि जब तक अदालत का फ़ैसला नहीं आ जाता है तब तक वे उन संस्थानों में कोई धार्मिक कपड़े न पहनें जहां कॉलेज विकास समिति ने ड्रेस कोड निर्धारित किया है।

उत्तर प्रदेश में चल रहे चुनावों पर बोलते हुए अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान से खुद को अलग रखना पसंद किया जिसमें योगी ने कहा था कि विधानसभा चुनाव 80 बनाम 20 की लड़ाई है। यह हिंदुओं और मुसलमानों के बीच धार्मिक विभाजन को दर्शाता है।

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अमित शाह ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यह चुनाव मुसलमानों या यादवों या हिंदुओं के बारे में है। योगी जी ने वोट प्रतिशत की बात की होगी, मुसलमानों बनाम हिंदुओं के बारे में नहीं।' बता दें कि योगी के बयान से विवाद हुआ था क्योंकि इसे सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के प्रयास के रूप में देखा गया था।

साक्षात्कार में अमित शाह ने राहुल गांधी की लोकसभा में उनके बयान के लिए आलोचना की कि भाजपा सरकार की 'ग़लत विदेश नीति और कश्मीर नीति' ने पाकिस्तान और चीन को क़रीब ला दिया। गृह मंत्री ने कहा, 'राहुल गांधी इस देश का इतिहास नहीं जानते। वह नहीं जानते कि 1962 में क्या हुआ और किसके कारण हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार ने चीन की हर चुनौती का कड़ा जवाब दिया है।'

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क़मर वहीद नक़वी
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