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हरियाणाः मतदान कल, भाजपा का आखिरी दांव फेल, सट्टा बाजार में कांग्रेस को 60 सीटें

हरियाणा में अब सभी को 5 अक्टूबर से ज्यादा 8 अक्टूबर का इंतजार है। क्योंकि नतीजे 8 को ही आयेंगे। हरियाणा का जो मूड नजर आ रहा है, उसके हिसाब से शनिवार 5 अक्टूबर को सत्ता परिवर्तन की एक रस्म अदायगी की जानी है। लेकिन इतने खुले चुनाव के बावजूद हरियाणा भाजपा के नेताओं को अपने केंद्रीय नेतृत्व मोदी-अमित शाह से बहुत उम्मीदें हैं कि वे ही भाजपा को हरियाणा में सत्ता में तीसरी बार ला सकते हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसे मोदी बनाम राहुल की लड़ाई नहीं बनाना चाहता है। अभी तक हुए तमाम विधानसभा चुनाव और इस साल के लोकसभा चुनाव में फालौदी सट्टा बाजार की भविष्यवाणियां सटीक रही हैं। हालांकि सट्टा बाजार एक गलत चीज है, जिसे मान्यता नहीं दी जा सकती लेकिन तमाम राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की लोकप्रियता नापने का पैमाना सट्टा बाजार बन गया है। 

भाजपा को 24 से 26 सीटें मिल सकती हैंः फालौदी सट्टा बाजार


सट्टा बाजार भविष्यवाणी कर रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहेगा। 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 56 से 58 सीटें मिलने का अनुमान है। जिससे कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में होगी। दूसरी ओर, भाजपा का प्रदर्शन और खराब होने की आशंका है, फलौदी सट्टा बाजार का अनुमान है कि सत्तारूढ़ पार्टी आगामी चुनावों में 24 से 26 सीटें हासिल करेगी। राजस्थान के अन्य सट्टा बाजार कांग्रेस को तो 60 सीटें दे रहे हैं, जबकि वे भाजपा को अधिकतम 20 सीटें दे रहे हैं। हालांकि सट्टा बाजार के पास कोई मशीन या तकनीक नहीं है, जिसके आधार पर वो सही अनुमान बता सके। 

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हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने दम पर 40 सीटें जीती थीं और वो बहुमत नहीं पा सकी थी। सरकार बनाने के लिए उसे 6 सीटें और चाहिए थीं। उसने दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी से हाथ मिला लिया और उसके 10 विधायकों को साथ लेकर सरकार बना ली। फिर से मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाया गया। लेकिन हरियाणा की जनता भाजपा के इस कदम से नाराज हो गई। इसी बीच किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के आंदोलन ने भाजपा के लिए माहौल बिगाड़ दिया। चुनाव से 6 महीने पहले खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया गया। इसके बावजूद सरकार विरोधी लहर थमी नहीं। 
हालांकि फालौदी समेत सभी सट्टा बाजार शुरुआत में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला बता रहे थे। उसके बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस कुछ आगे है, लेकिन मुकाबला आसान नहीं है। इस बीच गोदी मीडिया ने हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा के नैरेटिव को आगे बढ़ाने की कोशिश की लेकिन तमाम स्वतंत्र यूट्यब चैनलों और सोशल मीडिया ने गोदी मीडिया के नैरेटिव को ध्वस्त कर दिया। धीरे-धीरे हरियाणा का चुनाव गोदी मीडिया से हटने लगा या फिर बहुत कम कवरेज होने लगी। अभी हाल ही में पूर्व सैफालोजिस्ट और अब एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने जब हरियाणा के चुनाव के बारे में 2 अक्टूबर को अपना अनुमान बताया तो फालौदी सहित सारे सट्टा बाजार पलट गये। तबाही मच गई। उन्होंने भाजपा की हार और कांग्रेस की सरकार बनने की भविष्यवाणी शुरू कर दी। जानिये कि योगेंद्र यादव ने क्या कहा था- 
भाजपा ने गुरुवार को अपनी तरकश का आखिरी तीर फेंका। बुधवार को दिल्ली पुलिस ने नशीले पदार्थों की बहुत बड़ी खेप पकड़ी। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने मीडिया को बताया कि पकड़े गये लोगों का कथित सरगना तुषार गोयल एक राजनीतिक दल से जुड़ा है। अगले दिन ही भाजपा ने सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर आरोप लगाया कि कथित सरगना तुषार गोयल युवक कांग्रेस की आरटीआई सेल का चेयरमैन है। लेकिन पता चला कि गोयल को कांग्रेस ने 2022 में हटाकर किसी और को चेयरमैन बना दिया था और तुषार गोयल को पार्टी से भी निकाल दिया था। लेकिन भाजपा के हर छोटे बड़े नेता ने गुरुवार को सारा दिन और रात इस मुद्दे पर ट्वीट किया लेकिन हरियाणा चुनाव जरा भी पलटा नहीं। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी शुक्रवार को इस सिलसिले में एक्स पर ट्वीट किया और कांग्रेस पर आरोप लगाये। 
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दरअसल, चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में कांग्रेस ने भाजपा को बड़ा झटका देते हुए दलित नेता अशोक तंवर को भाजपा से तोड़ लिया। भाजपा इस झटके से काफी गुस्से में है। क्योंकि अशोक तंवर एक दिन पहले तो भाजपा का प्रचार कर रहे थे और अगले दिन जाकर राहुल गांधी की महेंद्रगढ़ में हो रही सभा में शामिल हो गये। शुक्रवार को एक और खबर ने भाजपा को परेशान किया। सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर चर्चा रही कि राजस्थान में भाजपा के बड़े महत्वपूर्ण नेता को किसी विदेशी महिला के साथ दिल्ली में पकड़ा गया है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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