महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री
उद्धव ठाकरे, उनके बेटे और राज्य के
पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे और उनके करीबी सहयोगी संजय राउत को मंगलवार को दिल्ली
हाईकोर्ट ने मानहानि के एक मामले में आज तलब किया। तीनों नेताओं को यह समन शिवसेना
के एकनाथ शिंदे खेमे के सांसद राहुल रमेश शेवाले की याचिका के संबंध में जारी किया
गया है।
संजय राउत और ठाकरे खेमे
के कई अन्य नेताओं ने दावा किया था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे कैंप ने शिवसेना
का चुनाव चिन्ह 'धनुष और तीर' 2,000 करोड़ रुपये में खरीदा है।
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राहुल शेवाले ने अदालत
में दायर अपनी याचिका में मांग की है कि वह उद्धव ठाकरे खेमे के नेताओं को भविष्य
में इस तरह की टिप्पणी करने से रोके। कोर्ट ने याचिका के संबंध में टिप्पणी करते हुए कहा कि
वह दूसरे पक्ष को सुने बिना कोई भी आदेश पारित नहीं करेगी क्योंकि यह एक राजनीतिक
मुद्दा है।
सुनवाई के दौरान शेवाले
के वकील ने कोर्ट में कहा कि संजय राउत तथा अन्य नेताओं ने चुनाव आयोग जैसी सम्मानित
संस्था के खिलाफ आरोप लगाए थे। इस मसले पर कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ऐसे आरोपों
का जवाब देने में सक्षम है।
चुनाव आयोग ने पिछले महीने
ही एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देते
हुए, पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर'
आवंटित कर दिया
था।
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एकनाश शिंदे ने शिवसेना
संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत का सच्चा उत्तराधिकारी बताते हुए उद्धव ठाकरे पर अपनी ही पार्टी के नेताओं का बर्बाद
करने का प्रयास करने का आरोप भी लगाया था। एकनाथ शिंदे ने अपनी
टिप्पणी में राज ठाकरे और नारायण राणे का नाम लेते हुए कहा था कि उन्होंने कभी ऐसा
नेता नहीं देखा जो अपने ही लोगों के राजनीतिक करियर को बर्बाद करने के लिए अन्य
राजनीतिक दलों के साथ मिलकर साजिश रचता हो। उन्होंने कहा, 'ऐसी स्थिति में पार्टी कैसे आगे बढ़ेगी? मैं गद्दार नहीं हूं, बल्कि खुददार हूं। उद्धव ठाकरे को हमें देशद्रोही कहने का
अधिकार नहीं है।
शिवसेना शिंदे कैंप ने
पिछले हफ्ते संजय राउत को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से बर्खास्त कर दिया था,
उनकी जहग लोकसभा सांसद गजानन कीर्तिकर को पार्टी के संसदीय दल का नया बनाया
गया था।
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