बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर ऐसा ट्वीट किया है जो पार्टी नेतृत्व को नागवार गुजर सकता है। वरुण ने ट्वीट कर कहा है कि रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है।
यह बताना होगा कि ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू का एलान किया गया है।
इसके अलावा भी कई राज्यों में तमाम तरह के कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तमाम राजनीतिक दलों की बड़ी-बड़ी रैलियां हो रही हैं। बीजेपी के नेता भी कई चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं।
वरुण ने आगे कहा है- उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें ईमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमिक्रोन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति प्रदर्शन।
यह साफ है कि वरुण गांधी का निशाना बीजेपी नेताओं की विशाल रैलियों की ओर ही है।
वरुण गांधी बीते कुछ महीनों से कटाक्ष करते रहे हैं और यह निश्चित रूप से बीजेपी नेतृत्व को रास नहीं आया है। वरुण गांधी के बारे में यह भी चर्चा चली थी कि वह टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी के साथ जा सकते हैं।
लखीमपुर खीरी की घटना के बाद से ही वरुण गांधी बीजेपी से खासे नाराज हैं और भीख में मिली आजादी वाला बयान देने पर वह कंगना रनौत पर भी हमला बोल चुके हैं।
वरुण ने कुछ दिन पहले गोडसे जिंदाबाद के नारे लगाने वालों को भी लताड़ा था और कहा था कि ऐसे लोग इस देश को शर्मिंदा कर रहे हैं।
वरुण के बीते दिनों कांग्रेस में जाने की भी अटकलें लगी थीं। ऐसा साफ लगता है कि वरुण गांधी बीजेपी में सहज महसूस नहीं कर रहे हैं।
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