बीएसपी को समर्थन
बीजेपी को रोकने की रणनीति के तहत ही उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का समर्थन किया जाएगा क्योंकि वहां वह मज़बूत है। इसी तरह बिहार में नीतिश कुमार के जनता दल युनाइटेड और बीजेपी के गठजोड़ को शिकस्त देने के लिए राष्ट्रीय जनता दल का समर्थन किया जाएगा। पार्टी तेलंगाना में टीआरएस-बीजेपी को रोकने के लिए तेलुगु देशम पार्टी का समर्थन करेगी।
2004 की रणनीति 2019 में
पार्टी ने यही रणनीति 2004 में अपनाई थी। उस समय चुनाव के पहले के गठजोड़ में सीपीएम कांग्रेस के साथ नहीं थी। पर बाद में सांप्रदायिकता रोकने के नाम पर उसने कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार का बाहर से समर्थन किया था। वह सरकार में शामिल नहीं हुई थी।
उस समय इस कम्युनिस्ट पार्टी ने तर्क दिया था कि 'वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार' का वह समर्थन करती है। येचुरी ने तीन दिन तक पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक के बाद बिल्कुल यही बात दुहराई है।सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद सांप्रदायिक ताक़तों को रोकने के लिए किसी 'वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार' का समर्थन किया जा सकता है। यह कांग्रेस भी हो सकती है।
येचुरी की पकड़ मज़बूत
येचुरी के इस बयान से यह भी साफ़ हो जाता है कि पार्टी पर उनकी पकड़ पहले से अधिक मज़बूत हुई है। इसी साल अप्रैल में हैदराबाद में हुई पार्टी कांग्रेस में भी इस पर खुल कर चर्चा हुई थी। प्रकाश करात और उनके केरल गुट का मानना रहा है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों की ही नीतियां देश के लिए ख़तरनाक हैं। लिहाज़ा, दोनों का विरोध ज़रूरी है।इसके उलट येचुरी की बंगाल लाइन का मानना रहा है कि फ़िलहाल देश को सांप्रदायिकता से कहीं अधिक ख़तरा है। इसे हर क़ीमत पर रोकना प्राथमिकता होनी चाहिए। लिहाज़ा, बीजपी को रोकने के लिए ज़रूरत पड़ने पर कांग्रेस का साथ देना चाहिए।
सीपीएम की केंद्रीय समिति की बैठक के बाद यह साफ हो गया कि बंगाल लाइन ही पार्टी की ‘टैक्टिकल स्ट्रैटजी’ यानी रणनीति है। पार्टी ने इस लाइन को बहुत ही सोच समझ कर चुना है।
हाशिए पर कांग्रेस
इस लाइन पर रणनीति बनाने से उसे बंगाल में ख़ास सहूलियत होगी। बंगाल में अतीत में माकपा और कांग्रेस के बीच दुश्मनी के स्तर पर प्रतिद्वंद्विता रही है। दोनों पार्टियों के कैडरों के बीच कई बार ख़ूनी झड़पेें तक हुईं। उस समय कोई कांग्रेस के प्रति नरमी बरतने की सोच भी नहीं सकता था। पर मौज़ूदा समय में कांग्रेस हाशिए पर है, तृणमूल की सरकार है और बीजेपी धीरे धीरे अपने पैर पसार रही है। ऐसे में तृणमूल को चुनौती देकर ही पार्टी अपने को मज़बूत विपक्ष साबित कर सकती है अगले विधानसभा चुनाव में जीत के बारे में सोच सकती है।
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