कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सबरीमला मंदिर में महिलाओ के प्रवेश पर पलटी मारी है। इससे पहले कांग्रेस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन कर रही थी लेकिन अब राहुल गांधी सियासी फ़ायदा देखते हुए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिलाने से बचते हुए नज़र आ रहे हैं। सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश मिले इस बात का समर्थन कर चुके कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बोले, 'इस पूरे मामले को लेकर विरोध में प्रदर्शन कर रहे श्रद्धालुओं के तर्क भी गलत नहीं हैं।
विरोधियों को ठहराया सही
राहुल गांधी ने दुबई में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि 'अब उन्हें लगता है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वालों के तर्क पूरी तरह से उचित हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने दुबई में प्रेस वार्ता के दौरान कहा, कि ' मैं दोनों ही तर्कों की वैधता को अच्छी तरह से समझता हूँ। इसके चलते में इस पूरे प्रकरण को लेकर कोई भी बात सपाट ढंग से नहीं कह सकता कि क्या होना चाहिए और क्या नहीं?
राहुल गांधी ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का फ़ैसला मैं केरल की जनता पर छोड़ता हूं। उन्होंने कहा कि केरल की जनता अपने हिसाब से तय करें कि उन्हें क्या करना है?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष ने सबरीमाला मंदिर पर अपना पक्ष बदलने की बात स्वीकार की है। ग़ौरतलब है कि राहुल गांधी और केरल कांग्रेस के नेताओं ने बीते कुछ दिन पहले सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के विरोध में प्रदर्शन करने वाले हिंदुत्व समूहों की आलोचना करते हुए ज़ोरदार हमला बोला था। सबरी माला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर राहुल गांधी के बदलते पक्ष को आने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र देखा जा रहा है। राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि कांग्रेस ने यह चाल चुनावी फ़ायदे के लिए चली है।
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