राहुल गांधी के मोदी सरनेम वाले बयान पर सजा के बाद कांग्रेस ने इसको राजनीतिक मुद्दा बनाने के लिए कमर कस ली है और इसने विपक्षी दलों के साथ शुक्रवार को बैठक की। इसके साथ ही इसने सोमवार को राज्यों में इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन करने की योजना भी बनाई है। इसको लेकर कांग्रेस के आलाकमान ने गुरुवार को घंटों बैठक की और इस पर आगे की रणनीति बनाई।
पार्टी की ओर से कहा गया कि इसको लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में क़रीब 50 सांसद और कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी के सदस्यों ने गुरुवार को बैठक की थी। इसमें यह तय किया गया कि शुक्रवार दस बजे राज्य में कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक होगी।
कांग्रेस की ओर से जारी बयान में पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा है कि इसके बाद साढ़े ग्यारह या बारह बजे विपक्षी सांसद विजय चौक तक प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस ने कहा है कि दोपहर को हमने सभी विपक्षी पार्टियों की ओर से राष्ट्रपति जी से मिलने का समय मांगा है।
बयान में कहा गया है कि शुक्रवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष, सभी पीसीसी अध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे। उसमें राज्यों में होने वाले कार्यक्रम को लेकर चर्चा होगी।
जयराम रमेश ने कहा कि 'सोमवार को दिल्ली में और अलग-अलग राज्यों में इसको लेकर प्रदर्शन होगा। यह सिर्फ़ क़ानूनी मुद्दा ही नहीं है, बल्कि बहुत गंभीर राजनीतिक मुद्दा भी है जो हमारे लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा है। ये मोदी सरकार की प्रतिशोध की राजनीति, धमकी की राजनीति, डराने की राजनीति और उत्पीड़न की राजनीति की मिसाल है। ...हम पीछे हटेंगे नहीं। हम डरेंगे नहीं। इसको हम राजनीतिक मुद्दा भी बनाएँगे।'
इससे पहले जयराम रमेश ने दोपहर में भी कहा था, ‘‘यह ‘न्यू इंडिया’ है, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाओगे तो ईडी, सीबीआई, पुलिस, प्राथमिकी सबसे लाद दिए जाओगे। राहुल गांधी जी को भी सच बोलने की, तानाशाह के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने की सजा मिल रही है। देश का कानून राहुल गांधी जी को अपील का अवसर देता है, वह इस अधिकार का प्रयोग करेंगे। हम डरने वाले नहीं हैं।"
राहुल के मुद्दे पर विपक्षी दलों से भी राहुल गांधी और कांग्रेस को अनपेक्षित समर्थन मिला है। केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ मतभेद होने की बात का ज़िक्र करते हुए कहा है कि भले ही उनके बीच में मतभेद हैं लेकिन राहुल जी को इस तरह मुक़दमे में फँसाना ठीक नहीं है।
अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा है कि 'विपक्षी नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें ख़त्म करने की साज़िश हो रही है'। आप प्रमुख का यह समर्थन चौंकाने वाला है। ऐसा इसलिए कि हाल में आप नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री मोदी को ख़त लिखने वाले 8 विपक्षी दलों में कांग्रेस शामिल नहीं थी।
शिवसेना (यूबीटी' की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया है, 'न्यायपालिका के पूरे सम्मान के साथ। राहुल गांधी का दोषी क़रार देना ठीक नहीं है और इसके दूरगामी परिणाम होंगे। विपक्षी नेताओं को लगातार निशाना बनाना निंदनीय है और यह उन आवाजों को खामोश नहीं करेगा जो लोगों के लिए बोलती हैं और सरकार के जी हुजूर होने से इनकार करती हैं।'
अभिनेता और मक्कल निधि मय्यम के नेता कमल हासन ने राहुल के समर्थन में लिखा है, 'राहुलजी, मैं इस समय आपके साथ खड़ा हूं! आपने अधिक परीक्षा की घड़ियों का सामना किया है और अनुचित क्षण देखे हैं। हमारी न्याय व्यवस्था इतनी मज़बूत है कि न्याय प्रदान करने में होने वाली गड़बड़ियों को ठीक कर सकती है। हमें यकीन है, सूरत कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आपकी अपील पर आपको न्याय मिलेगा! सत्यमेव जयते!!'
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