मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के बाद राज्यसभा में विपक्ष का नेता कौन होगा, इसे लेकर कांग्रेस लगभग 2 महीने बाद भी फैसला नहीं कर सकी है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद से अपना इस्तीफा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को 29 सितंबर को भेज दिया था।
कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के चलते उन्होंने यह पद छोड़ दिया था। लेकिन लगभग 2 महीने का वक्त होने वाला है और पार्टी यह तय नहीं कर सकी है कि इस अहम कुर्सी पर वह किस नेता को बैठाएगी।
मल्लिकार्जुन खड़गे को फरवरी 2021 में गुलाम नबी आजाद के रिटायरमेंट के बाद राज्यसभा में नेता विपक्ष बनाया गया था।
ये नाम हैं चर्चा में
राज्यसभा में नेता विपक्ष जैसे अहम पद के लिए कांग्रेस के भीतर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी के नाम चर्चा में हैं। दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार थे और उन्होंने नामांकन फॉर्म भी खरीद लिया था लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव मैदान में उतरने के बाद वह चुनाव मैदान से हट गए थे। दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़गे के प्रस्तावक बने थे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे बड़े पद पर दलित समुदाय से आने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे को बैठाने के बाद यह माना जा रहा है कि राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद पर किसी और समुदाय के नेता को प्रतिनिधित्व मिलेगा। ऐसे में मुकुल वासनिक की संभावनाएं कमजोर हो जाती हैं।
क्योंकि दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से हट गए थे और मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन किया था, ऐसे में हो सकता है कि पार्टी उन पर दांव लगाए। यह इस लिहाज से भी मुफीद रहेगा कि मल्लिकार्जुन खड़गे दक्षिण से आते हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद उनके पास है, ऐसे में राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद पर कांग्रेस उत्तर भारत से आने वाले किसी नेता का चयन कर सकती है। ऐसे दावेदारों में पहला बड़ा नाम दिग्विजय सिंह का है।
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल से आते हैं, इसलिए भी इस बात की संभावना ज्यादा है कि कांग्रेस इस पद पर हिंदी भाषी राज्यों के किसी राज्यसभा सांसद को नियुक्त करेगी।
देखना होगा कि कांग्रेस नेतृत्व इस मामले में कब फैसला लेगा और किस नेता को यह अहम कुर्सी मिलेगी।
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