loader
कांग्रेस की नई दिल्ली में मंगलवार को बैठक हुई।

अडानी-सेबी मुद्दे पर कांग्रेस ने दबाव बढ़ाया, 22 अगस्त को देशव्यापी प्रदर्शन

हिंडनबर्ग के सेबी प्रमुख और अडानी समूह के नए आरोपों पर चल रहे विवाद के बीच, कांग्रेस ने मंगलवार को घोषणा की कि वह सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के इस्तीफे और अडानी मुद्दे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग को लेकर 22 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन करेगी।

यह घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां सभी प्रदेश प्रमुखों, महासचिवों और एआईसीसी राज्य प्रभारियों के साथ बैठक करने के दौरान की। पार्टी ने कहा कि विधानसभा चुनाव, आगामी दौर के लिए संगठनात्मक मामलों और विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। 

ताजा ख़बरें

खड़गे ने बैठक के बाद एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "सेबी और अडानी के बीच सांठगांठ के चौंकाने वाले खुलासे की गहन जांच की जरूरत है। शेयर बाजार में छोटे निवेशकों का पैसा खतरे में नहीं डाला जा सकता।"

उन्होंने कहा, मोदी सरकार को तुरंत सेबी अध्यक्ष का इस्तीफा मांगना चाहिए और इस संबंध में जेपीसी का गठन करना चाहिए। बैठक के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पार्टी सेबी प्रमुख के इस्तीफे और अडानी मामले में जेपीसी जांच की मांग को लेकर 22 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन करेगी।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त को आरोप लगाया कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की कथित अडानी मनी हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट आने के बाद राजनीतिक टकराव शुरू हो गया है। कांग्रेस तथा अन्य इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने सेबी प्रमुख को हटाने और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की है, जबकि भाजपा ने विपक्ष पर भारत में वित्तीय अस्थिरता और अराजकता पैदा करने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट से तमाम सवाल खड़े हो गए हैं। जिनका जवाब सरकार नहीं दे पा रही है।

बुच और उनके पति ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है और आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च पूंजी बाजार नियामक सेबी की विश्वसनीयता पर हमला कर रहा है और "भारत में उल्लंघन" के लिए उसे दिए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के बजाय उसके प्रमुख के चरित्र हनन का प्रयास कर रहा था। हालांकि बुच कपल ने यह भी स्वीकार किया कि 2015 में उन्होंने अडानी की कंपनियों में निवेश किया था। लेकिन तब वो सेबी में नहीं थीं। यही बात हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में भी कही गई है। 

राजनीति से और खबरें
इस मुद्दे पर कुछ इसी तरह के बयान सेबी और अडानी समूह ने भी दिए हैं। अडानी समूह ने सभी आरोपों को पहले की तरह ही खारिज कर दिया। पिछले साल जब हिंडनबर्ग रिपोर्ट उसके खिलाफ आई थी तो अडानी समूह ने अमेरिकी अदालत में हिंडनबर्ग पर मुकदमा करने की धमकी दी थी। लेकिन एक साल बीतने के बाद भी अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के खिलाफ ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें