राहुल गांधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाने के लिए कांग्रेस ने सोमवार को भाजपा पर पलटवार किया है। इसने कहा कि जब नेताओं की सुरक्षा की बात आती है तो 'घटिया राजनीति' नहीं की जानी चाहिए।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और पूरी भाजपा नेहरू जी, इंदिरा जी और पूरे परिवार के खिलाफ झूठ फैलाकर कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ लोगों को भड़का रही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'उन्होंने (मोदी सरकार ने) रहस्यमय तरीक़े से उनकी एसपीजी सुरक्षा भी वापस ले ली।'
Cheap politics should not be played on the issue of security of leaders. The Congress party lost Mahatma ji to Right Wing terrorists. We lost two Prime Ministers at the hands of terrorists. We lost our entire Chattisgarh leadership to Left Wing terrorists, under the watch of the… pic.twitter.com/qRkiKegTSu
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) July 15, 2024
पवन खेड़ा ने कहा, 'नेताओं की सुरक्षा के मुद्दे पर घटिया राजनीति नहीं खेली जानी चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने महात्मा जी को दक्षिणपंथी आतंकवादियों के हाथों खो दिया। हमने आतंकवादियों के हाथों दो प्रधानमंत्रियों को खोया। हमने भाजपा सरकार की निगरानी में वामपंथी आतंकवादियों के हाथों अपना पूरा छत्तीसगढ़ नेतृत्व खो दिया।'
कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ हिंसा को उकसाने का आरोप लगाया। भाजपा नेता ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की हत्या के प्रयास के बाद रविवार को विपक्ष के नेता पर निशाना साधा था।
These are insincere words. Third Time Fail Rahul Gandhi has often encouraged and justified violence against Prime Minister Modi, who he has lost election to, several times now.
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 14, 2024
How can India ever forget how Punjab Police, then under the Congress, deliberately compromised PM’s… https://t.co/5mLsLXEcRd pic.twitter.com/XkHEUg1Nns
बता दें कि 2022 के जनवरी महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पंजाब के फिरोजपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करना था। लेकिन मोदी कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंच सके और इस वजह से रैली को रद्द कर दिया गया। प्रधानमंत्री का काफिला 15 से 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रुका रहा क्योंकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने फ्लाईओवर पर जाम लगा दिया था।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने बठिंडा एयरपोर्ट के अधिकारियों के हवाले से यह रिपोर्ट दी थी कि प्रधानमंत्री मोदी ने बठिंडा हवाई अड्डे पर लौटने पर अधिकारियों से कहा, 'अपने सीएम को थैंक्स कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक ज़िंदा लौट पाया'। इसके बाद पीएम की सुरक्षा को लेकर खूब सवाल खड़े हुए थे।
तब पंजाब पुलिस ने कहा था कि उसको पता ही नहीं था कि पीएम का काफिला किस रास्ते और कब जाने वाला है। किसान नेताओं ने कहा था कि प्रधानमंत्री की यात्रा रोकने या उनके कार्यक्रम में अड़चन डालने का कोई कार्यक्रम नहीं था।
तब संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान में कहा था कि जब 5 जनवरी को पुलिस प्रशासन द्वारा कुछ किसानों को फिरोजपुर ज़िला मुख्यालय जाने से रोका गया तो उन्होंने कई जगह सड़क पर बैठ कर इसका विरोध किया। किसान मोर्चा के अनुसार इनमें प्यारेयाणा का वह फ्लाईओवर भी था जहाँ प्रधानमंत्री का काफिला आया, रुका और वापस चला गया। मोर्चा ने अपने बयान में कहा था, 'वहाँ के प्रदर्शनकारी किसानों को इसकी कोई पुख्ता सूचना नहीं थी कि प्रधानमंत्री का काफिला वहाँ से गुजरने वाला है। उन्हें तो प्रधानमंत्री के वापस जाने के बाद मीडिया से यह सूचना मिली।'
किसान मोर्चा ने दावा किया था कि मौके के वीडियो से यह साफ़ है कि प्रदर्शनकारी किसानों ने प्रधानमंत्री के काफिले की तरफ़ जाने की कोई कोशिश तक नहीं की। इसने कहा था, "बीजेपी का झंडा उठाए 'नरेंद्र मोदी ज़िंदाबाद' बोलने वाला एक समूह ही उस काफिले के नजदीक पहुँचा था। इसलिए प्रधानमंत्री की जान को ख़तरा होने की बात बिल्कुल मनगढ़ंत लगती है।"
बहरहाल, अमित मालवीय ने राहुल गांधी ने उनके उस ट्वीट को लेकर हमला किया जिसमें उन्होंने डोनल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला किए जाने की निंदा की थी।
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