कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 के नेता बुधवार रात को डिनर पर मिले। पांच राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद असंतुष्ट नेताओं की यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि इसमें असंतुष्ट नेताओं के नई रणनीति बनाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
चुनावी हार के बाद जब कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई तो इससे पहले यह खबर आई कि गांधी परिवार के सभी सदस्यों ने इस्तीफा देने की बात कही है। लेकिन कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए उनसे अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह किया गया।
लेकिन जैसा कि तय माना जा रहा था चुनावी हार के बाद G-23 गुट पार्टी नेतृत्व पर हमले तेज करेगा वैसा ही हुआ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा कि अब गांधी परिवार को हट जाना चाहिए और किसी अन्य नेता को मौका दिया जाना चाहिए।
सिब्बल के इस बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सांसद मनिक्कम टैगोर आदि ने पलटवार किया। इससे कांग्रेस के भीतर चल रही लड़ाई और खुलकर सामने आई।
G-23 गुट के नेताओं का यह डिनर वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के आवास पर रखा गया है। डिनर में इस गुट के नेताओं के अलावा कांग्रेस के कई और नेताओं के शामिल होने की भी बात कही जा रही है।
चुनावी हार के बाद गुलाम नबी आजाद के आवास पर भी बैठक हुई थी और उससे यह खबर निकल कर सामने आई थी कि इस गुट के नेताओं ने कहा है कि उन्हें राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है।
यह गुट बीते 3 सालों से कांग्रेस में बड़े बदलावों की मांग करता रहा है और इसके बाद कांग्रेस ने आंतरिक चुनाव कराने की बात कही थी और इस साल सितंबर तक कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल जाएगा।
देखना होगा कि G-23 गुट के नेता क्या रणनीति बनाते हैं। क्या वे पार्टी की मदद में जुटते हैं या फिर कांग्रेस नेतृत्व पर हमले और तेज करते हैं। लेकिन उनके ताजा तेवरों को देखकर यह लगता है कि वे कांग्रेस नेतृत्व के लिए और मुश्किलें खड़ी करने से बाज नहीं आएंगे।
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