कांग्रेस ने कहा है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी ऐसे कई लोगों से पूछताछ कर रही है जिन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से बातचीत की थी। कांग्रेस के संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा है कि आईबी से जुड़े लोग इन लोगों से हर तरह के सवाल पूछ रहे हैं और वे लोग राहुल गांधी को सौंपे गए ज्ञापन की कॉपी भी चाहते हैं।
बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में तमाम संगठनों के लोग राहुल गांधी से मिले और उन्हें ज्ञापन भी सौंपा था।
जयराम रमेश ने कहा है कि यात्रा के बारे में कुछ भी गोपनीय नहीं है लेकिन इससे यह साफ होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इस यात्रा से घबराए हुए हैं।
बताना होगा कि भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा का सफर तय करते हुए शनिवार को दिल्ली पहुंची थी।
भारत जोड़ो यात्रा कुल 3570 किमी. की है। यात्रा 3000 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। भारत जोड़ो यात्रा में 24 दिसंबर के बाद 9 दिनों का ब्रेक है और अब यह यात्रा 3 जनवरी 2023 को फिर से शुरू होगी।
सरकारी एजेंसियों का डर!
द टेलीग्राफ के मुताबिक, कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि कई बुद्धिजीवियों, बड़ी हस्तियों और कारोबारियों ने भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन किया लेकिन वह इसमें शामिल होने की हिम्मत नहीं दिखा सके और इसके पीछे कारण सरकारी एजेंसियों के द्वारा उत्पीड़न होने का डर था। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि इनमें से कुछ हस्तियों ने राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के समर्थन में पत्र भी लिखा था।
बताना होगा कि भारत जोड़ो यात्रा में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, एक्टिविस्ट मेधा पाटकर, धर्मगुरु कंप्यूटर बाबा, अभिनेत्री स्वरा भास्कर, बॉक्सर विजेंदर सिंह मक्कल निधि मय्यम के अध्यक्ष कमल हासन जैसे कई जाने-पहचाने लोग शामिल हो चुके हैं।
विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई
यहां इस बात का जिक्र करना जरूरी होगा कि सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स पर सरकार के इशारे पर राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने के और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के आरोप लगते रहे हैं। पिछले कुछ सालों में कांग्रेस से लेकर टीएमसी और आरजेडी से लेकर आम आदमी पार्टी तक कई विपक्षी दलों के ऐसे सैकड़ों नेता हैं जिन्हें जांच एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
ऐसे नेताओं में आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार, सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी सहित कई नेता शामिल हैं।
किसान आंदोलन में एनआईए का समन
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जब दिल्ली के बॉर्डर पर बड़ा आंदोलन हुआ था तो उस दौरान भी केंद्रीय एजेंसियों ने इस आंदोलन का समर्थन करने वालों पर शिकंजा कसा था। उस दौरान आढ़तियों, पंजाबी गायकों से लेकर लेखकों, पत्रकारों, व्यापारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं तक को राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने समन भेजा था।
तब किसान नेताओं ने इस तरह की हरक़तों की निंदा करते हुए सरकार को चेताया था कि अगर वह किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों को निशाना बनाएगी तो यह ठीक नहीं होगा।
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