कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा बुधवार को तिरुवनंतपुरम के नवाइकुलम से शुरू हुई और शाम को पल्लीमुक्कू जंक्शन के कोल्लम पहुंचेगी। सुबह राहुल गांधी ने केरल के शिवगिरी मठ में समाज सुधारक नारायण गुरु को श्रद्धांजलि दी।
मंगलवार को यह यात्रा तिरुवनंतपुरम के कन्यापुरम से शुरू होकर कल्लम्बलम पर खत्म हुई थी और इससे पहले यह तिरुवनंतपुरम में ही वेल्लयानी जंक्शन से शुरू होकर कज़हाकूट्टम पहुंची थी। कांग्रेस ने कहा है कि यात्रा में शामिल लोगों और केरल के लोगों का उत्साह अदभुत है। कांग्रेस ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा को जन-जन का साथ मिल रहा है और सब मिलकर देश के हालात बदलेंगे।
गुरुवार सुबह कन्याकुमारी के अगस्तीस्वरम से यह पदयात्रा शुरू हुई थी और कन्याकुमारी के मुलगुमुडु से होते हुए तिरूवनंतपुरम पहुंची थी। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा के तहत पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता लगातार आगे बढ़ रहे हैं। यात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं के हाथों में तिरंगा है। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, यात्रा के दौरान रास्ते में मिलने वाले लोगों में भी जबरदस्त उत्साह है।
इस दौरान राहुल गांधी महिला एक्टिविस्ट के साथ ही सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से भी लगातार बातचीत कर रहे हैं।
जानिए, भारत जोड़ो यात्रा के बारे में कुछ अहम बातें।
- भारत जोड़ो यात्रा 3570 किमी. लंबी है और 5 महीने तक चलेगी।
- भारत जोड़ो यात्रा में शामिल कांग्रेस के नेता किसी भी होटल में नहीं रुकेंगे और कंटेनर्स में सोएंगे। ऐसे 60 कंटेनर्स का इंतजाम किया गया है। कुछ कंटेनर्स में सोने के लिए बिस्तर, टॉयलेट और एसी की व्यवस्था की गई है।
- सुरक्षा वजहों से राहुल गांधी एक अलग कंटेनर में सोएंगे जबकि बाकी कांग्रेस नेता दूसरे कंटेनर्स में।
- यात्रा में शामिल कांग्रेस नेता हर दिन 6 से 7 घंटे तक पदयात्रा करेंगे और 22-23 किमी. चलेंगे।
- कांग्रेस के 119 नेता भी यात्रा में शामिल हैं। इन नेताओं का चयन साक्षात्कार के बाद किया गया है। 119 यात्रियों में 28 महिलाएं हैं।
इन अहम शहरों से गुजरेगी यात्रा
भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई है और तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट से होते हुए जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पहुंचेगी और यहीं पर यात्रा को समाप्त होना है।2024 का चुनाव
कांग्रेस के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव करो या मरो की स्थिति है। लगातार चुनावी हार और कई नेताओं के धड़ाधड़ पार्टी छोड़ने के कारण पार्टी बुरी तरह पस्त हो चुकी है। ऐसे में कोई बड़ी उम्मीद नहीं दिखाई देती कि वह बीजेपी को अपने दम पर चुनौती दे सकती है। लेकिन राजनीति में असंभव कुछ नहीं होता। कांग्रेस अगर 2023 के चुनावी राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करे और विपक्षी दलों के साथ तालमेल बनाते हुए एक मजबूत फ्रंट बनाए तो वह 2024 के चुनाव में एनडीए को सत्ता से हटा भी सकती है।
अपनी राय बतायें