पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपने ट्विटर अकाउंट से ब्लॉक कर दिया। राज्यपाल ने कहा था कि बंगाल "लोकतंत्र के लिए एक गैस चैंबर" बन गया है। मुख्यमंत्री ममता राज्यपाल धनखड़ के इस ट्वीट से बेहद नाराज थीं। इस घटनाक्रम के बाद सीएम-गवर्नर संबंध सुधरने की संभावनाएं क्षीण हो गई हैं। ममता ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैं इसके लिए पहले से माफी मांगती हूं। वह (जगदीप धनखड़) हर दिन कुछ न कुछ ट्वीट करके मुझे या मेरे अधिकारियों को गाली देते हैं। असंवैधानिक, अनैतिक बातें कहते हैं। वह अफसरों को सीधे निर्देश देते हैं। चुनी हुई सरकार बंधुआ मजदूर बन गई है। इसलिए मैंने उन्हें ब्लॉक किया है।"
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि राज्यपाल ने कई मौकों पर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को धमकी दी है।
उन्होंने कहा कि मैंने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्यपाल धनखड़ को हटाने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हालांकि, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।"
उनका यह कदम महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर ममता बनर्जी सरकार पर राज्यपाल धनखड़ के नवीनतम हमले से प्रेरित था। राज्यपाल ने कहा था, "मैं बंगाल की पवित्र भूमि को खून से लथपथ (हिंसा में) नहीं देख सकता। राज्यपाल धनखड़ ने कहा था -
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक कार्यक्रम में कहा, "बंगाल में कानून का शासन नहीं है। यहां केवल शासक शासन करता है। लेकिन संविधान की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है।"
राज्यपाल 2019 में अपनी नियुक्ति के बाद से बंगाल के राज्यपाल बने हुए हैं। हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष पर संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। राज्यपाल का कहना था कि उन्होंने सूचनाएं मांगी थीं, पर मांगी गई जानकारी प्रदान नहीं की थी।
विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर उनका विवाद रहा है, उन्होंने नौकरशाहों को स्पष्टीकरण के लिए अपने कार्यालय में बुलाया।
पिछले हफ्ते, राज्यपाल ने विधानसभा परिसर में बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद, बंगाल की राजनीतिक स्थिति को "भयानक और भयावह" बताया था।
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