तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने आज दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली। उनके बीच में यह मुलाक़ात ऐसे समय में हुई है जब इस साल के आख़िर में तेलंगाना विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। इससे अब दोनों दलों के बीच गठबंधन के कयास लगाए जाने लगे हैं। वैसे, टीडीपी पहले भी कभी एनडीए का हिस्सा रही थी।
टीडीपी के एनडीए गठबंधन में शामिल होने के कयास मुख्य तौर पर दो वजहों से लगाए जा रहे हैं। एक वजह है विधानसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की राजनीतिक मजबूरी और दूसरी है लोकसभा के लिए बीजेपी की मजबूरी। राज्य में केसीआर की भारत राष्ट्र समिति को शिकस्त देने के लिए चंद्रबाबू नायडू को गठबंधन की तलाश है। गठबंधन होने की स्थिति में उनकी राजनीतिक स्थिति मजबूत होगी।
बीजेपी के सामने 2024 की चुनौती है। अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए कई विपक्षी दल बड़ी तैयारी के साथ आ रहे हैं और उनके बीच में एक महागठबंधन बन रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी विपक्षी दलों से बातचीत कर रहे हैं और माना जा रहा है कि वह इसमें सफल भी होते दिख रहे हैं। विपक्षी दलों की बैठक 12 जून को पटना में होने वाली है।
राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि यदि अधिकतर विपक्षी दल एकसाथ आ गए तो बीजेपी के लिए 2024 में मुश्किल हो जाएगी। यही वजह है कि बीजेपी भी एनडीए गठबंधन में शामिल करने के लिए कई दलों को जोड़ने का प्रयास कर रही है।
टीडीपी 2014 में एनडीए का हिस्सा थी, लेकिन आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे के मुद्दे पर 2019 के चुनाव से पहले मार्च 2018 में सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ दिया था। हालांकि, हाल ही में पोर्ट ब्लेयर में हुए नगर निकाय चुनाव के बाद दोनों पार्टियां साथ आ गईं।
पीएम मोदी ने पिछले महीने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में टीडीपी के संस्थापक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एनटी रामाराव को उनकी जयंती पर तीन कार्यकाल में सात साल तक याद किया। पहले नायडू भाजपा की आलोचना करते रहे थे लेकिन हाल के महीनों में उनके सुर बदले दिख रहे हैं। अप्रैल में उन्होंने दूरदर्शी नेता कहते हुए पीएम मोदी की तारीफ की थी।
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