#Chandigarh #MunicipalCorporation secretary Isha Kamboj issues official order of postponement of elections pic.twitter.com/eOQ7vbfEa7
— Hindustan Times (@htTweets) January 18, 2024
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है। चुनाव गुरुवार 18 जनवरी को होने वाला था। चंडीगढ़ के कई पार्षदों को एक टेक्स्ट संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें चुनाव स्थगित करने के लिए चुनाव अधिकारी अनिल मसीह के खराब स्वास्थ्य की वजह बताई गई थी। बाद में चुनाव अधिकारी ने खुद आदेश जारी कर स्थिति साफ कर दी। इस घटनाक्रम के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने नगर निगम दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया। आप और कांग्रेस ने मेयर पद पर संयुक्त उम्मीदवार उतारा था। घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी "हार का सामना करने के लिए तैयार नहीं है।"
#BreakingNews: #Chandigarh MC Mayor elections postponed
— The Tribune (@thetribunechd) January 18, 2024
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इस घोषणा से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा जो इस चुनाव की मॉनिटरिंग के लिए चंडीगढ़ में मौजूद हैं, उन्होंने निगम कार्यालय में जाने की कोशिश की तो उन्हें रोक दिया गया।
आप और कांग्रेस का गठबंधन होने के बाद इस चुनाव के सारे समीकरण बदल गए। 35 सदस्यीय नगर निगम सदन में भाजपा के पास सबसे अधिक 14 पार्षद हैं। आप के पास 13 पार्षद हैं। कांग्रेस के पास 7 और एक पार्षद शिरोमणि अकाली दल से है। अब आप और कांग्रेस का समझौता होने के बाद उनकी संयुक्त संख्या 20 पार्षदों की हो गई है। ऐसे में आप-कांग्रेस का मेयर बनना ही बनना है। क्योंकि भाजपा इस समीकरण के हिसाब से हार रही है। पूरे देश की नजर चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर थी। क्योंकि यहां इंडिया गठबंधन की रणनीति का पहला प्रयोग होने जा रहा था।
कांग्रेस ने कहा कि वह चुनाव स्थगित करने के खिलाफ अदालत जाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने कहा कि "भाजपा हार का सामना करने के लिए तैयार नहीं थी और उन्होंने जानबूझकर चुनाव स्थगित कर दिया। यदि भाजपा को लोकतंत्र में विश्वास होता, तो उन्होंने डीसी से पीठासीन अधिकारी को बदलने का अनुरोध किया होता। यह लोकतंत्र का अंत है। हम अब अदालत का रुख करेंगे।"
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