समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि यह एक संवैधानिक एजेंडा है, जिस पर देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू और अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, "लेकिन कांग्रेस ने तुष्टिकरण के कारण इसे नजरअंदाज कर दिया था। उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना एक सामाजिक परिवर्तन है। इस पर सभी मंचों पर चर्चा की जाएगी और कानूनी जांच का सामना किया जाएगा। एक धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म आधारित नागरिक संहिता नहीं हो सकती।"
अमित शाह ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को 370 सीटें और एनडीए को 400 से अधिक सीटें मिलेंगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनेगी। शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कोई सस्पेंस नहीं है और यहां तक कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को भी एहसास हो गया है कि उन्हें फिर से विपक्षी बेंच में बैठना होगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा- "हमने संविधान के अनुच्छेद 370 को (जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था) निरस्त कर दिया। इसलिए हमारा मानना है कि देश की जनता भाजपा को 370 सीटों और एनडीए को 400 से अधिक सीटों का आशीर्वाद देगी।" जयंत चौधरी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी), शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) और कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा "परिवार नियोजन में विश्वास है लेकिन राजनीति में नहीं।” लेकिन इसके साथ उन्होंने यह संकेत भी दिया कि सत्तारूढ़ गठबंधन में अभी और भी दल शामिल हो सकते हैं।
जब शिरोमणि अकाली दल के बारे में जोर देकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'बातचीत चल रही है लेकिन कुछ भी तय नहीं हुआ है।' शाह ने कहा कि 2024 का चुनाव एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच नहीं, बल्कि विकास और केवल नारे देने वालों के बीच का चुनाव होगा।
अयोध्या में राम मंदिर पर गृह मंत्री ने कहा कि देश के लोगों का 500-550 साल से मानना था कि मंदिर वहीं बनना चाहिए जहां भगवान राम का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा, ''हालांकि, तुष्टिकरण की राजनीति और कानून-व्यवस्था का हवाला देकर राम मंदिर के निर्माण की अनुमति नहीं दी गई।''
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