पूर्वी उत्तर प्रदेश में अंबेडकर नगर लोकसभा क्षेत्र से बसपा सांसद रितेश पांडे ने रविवार 25 फरवरी को मायावती का दामन छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। 42 वर्षीय सांसद पांडे के पिता राकेश पांडे उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक हैं।
भाजपा में शामिल होने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए, रितेश पांडे ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के नजरिए से प्रेरित हैं और इस लक्ष्य की दिशा में काम करने के लिए भाजपा में शामिल हुए हैं। लेकिन बसपा प्रमुख मायावती ने उनका नाम लिए बिना जवाब दिया।
बसपा सांसद रितेश पांडे ने एक्स पर अपना इस्तीफा साझा किया। उन्होंने अपना इस्तीफा बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भेजा था। पत्र में उन्हें लोकसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया गया है। पत्र में कहा गया है, "बसपा के माध्यम से सार्वजनिक जीवन में प्रवेश करते ही मुझे आपका मार्गदर्शन मिला। जब मैंने सत्ता के गलियारों में चलना सीखा तो पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने मेरा साथ दिया।"
बसपा छोड़ने की अपनी वजह बताते हुए उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा- "लंबे समय से, मुझे बैठकों के लिए नहीं बुलाया जा रहा था। मैं नेतृत्व चर्चा का भी हिस्सा नहीं था। मैंने आपसे और वरिष्ठ नेताओं से मिलने की कई बार कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि पार्टी अब वो पार्टी नहीं रह गई है। मेरे पास पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। पार्टी के साथ संबंध तोड़ने का निर्णय भावनात्मक रूप से कठिन है।''
मायावती का जवाबी हमलारितेश पांडे का इस्तीफा सार्वजनिक होने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने बिना नाम लिए जवाब दिया। मायावती ने एक्स पर लिखा- बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्मसम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है। जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है।
मायावती ने अपने ट्वीट में आगे कहा- अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जाँचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है?
मायावती ने यह भी लिखा है- ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव है, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं। मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि।
मायावती ने एक तरह से बसपा के सभी बागी सांसदों को संदेश दे दिया है। बसपा सूत्रों का कहना है कि बसपा के करीब 6 सांसद भाजपा में जाने के मौके तलाश रहे हैं, लेकिन वे वहां से टिकट आश्वासन चाहते हैं। साथ ही तीन सांसद सपा के पाले में टिकट का आश्वासन मिलने के बाद जा सकते हैं। अमरोहा के बसपा सांसद दानिश अली पहले से ही खुद को कांग्रेस के साथ जोड़ रहे हैं। उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पर्याप्त समर्थन है। दानिश उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में मणिपुर से साथ चले थे। अभी शनिवार को उन्होंने अमरोहा में राहुल गांधी का स्वागत भी किया।
बसपा सूत्रों ने बताया कि भाजपा में रविवार को शामिल हुए रितेश पांडे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल के संपर्क में थे। कथित तौर पर भाजपा ने उन्हें उस सीट से मैदान में उतारने की पेशकश की है जिसका वह वर्तमान में प्रतिनिधित्व करते हैं।
अंबेडकर नगर का समीकरण
अंबेडकर नगर शुरू से समाजवादी नेताओं का गढ़ रहा है। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में इस जिले की सभी 5 सीटों को सपा ने जीता था। जैसा कि ऊपर जिक्र किया गया, खुद रितेश पांडे के पिता राकेश पांडे अंबेडकर नगर जिले की जलालपुर सीट से आज भी सपा विधायक हैं। पूरा पांडे परिवार लंबे समय से सपा में रहा है। रितेश पांडे को 2019 लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के तहत टिकट मिला था और वे बसपा के चुनाव चिह्न हाथी पर लड़े थे। भाजपा रितेश पांडे को तोड़कर इसीलिए अपने पाले में लाई है कि वो अंबेडकर नगर जिले में सपा का वर्चस्व खत्म करना चाहती है। रितेश को लाकर उसने बसपा से ज्यादा सपा को नुकसान पहुंचाया है। रितेश और पांडे परिवार के सहारे वो अंबेडकर नगर में अपना पैर जमाना चाहती है। रितेश के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रितेश को पीएम मोदी ने अपने साथ लंच पर बुलाया था। यह एक बड़ा संकेत है कि भाजपा पूर्वी यूपी में खासकर अंबेडकर नगर में सपा का दबदबा खत्म करना चाहती है।
अंबेडकर नगर जिले में टांडा सीट पर सपा के राममूर्ति वर्मा, कटेहरी से सपा के लालजी वर्मा, आलापुर से सपा के त्रिभुवन दत्त, अकबरपुर से रामअचल राजभर और जलालपुर से राकेश पांडे विधायक हैं। इन पांचों की वजह से पूरे जिले में सपा का दबदबा है।
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