संसद के दोनों सदनों में ओबीसी विधेयक के पास होने के बाद बीजेपी इसका सियासी फ़ायदा लेने की तैयारी में है। पार्टी अगले महीने से देश भर में ‘मोदी समर्थन सम्मेलन’ कराएगी। उत्तर प्रदेश में ऐसे 70 सम्मेलनों की योजना तैयार कर ली गई है। उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक सम्मेलन होगा और ये सम्मेलन तीन महीने तक चलेंगे।
बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि पार्टी मोदी समर्थन सम्मेलन’ का आयोजन कर देश भर में ओबीसी समूहों को अपने साथ लाने की कोशिश करेगी। इन सम्मेलनों में ओबीसी समूह के प्रभावशाली लोग, पार्टी के बूथ लेवल से लेकर वरिष्ठ कार्यकर्ता तक शामिल होंगे।
इस दौरान मोदी सरकार की ओर से ओबीसी समुदाय के लिए किए गए कामों को गिनाया जाएगा। बीजेपी ओबीसी मोर्चा ने मोदी सरकार की ओर से पिछले सात सालों में ओबीसी समुदाय के लिए उठाए गए 75 क़दमों की सूची बनाई है।
इनमें पिछड़े वर्ग को राष्ट्रीय आयोग का दर्जा देना, नीट परीक्षा में ओबीसी छात्रों के लिए 27 फ़ीसदी आरक्षण, क्रीमी लेयर की सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख करना और केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूलों में ओबीसी समूहों के छात्रों के दाखिले को आसान बनाना जैसे क़दम शामिल हैं।
के. लक्ष्मण ने कहा, “मोदी सरकार में 27 मंत्री ओबीसी से हैं और उनके पास अहम विभाग हैं, इससे पता चलता है कि हमारी सरकार इस समुदाय के नेताओं के प्रतिनिधित्व के लिए कितनी गंभीर है।”
जिस तरह बीते कुछ दिनों में जातीय जनगणना की मांग ने जोर पकड़ा है और इसमें ओबीसी की जनगणना का मुद्दा भी सामने आया है और इसे अच्छा-खासा समर्थन भी मिला है, इस हालात में सभी दलों के लिए ओबीसी समुदाय को नज़रअंदाज करना मुश्किल हो गया है।
सम्मान समारोह
कुछ ही दिन पहले दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में मोदी सरकार के ओबीसी मंत्रियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में नड्डा ने कहा था कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा नरेंद्र मोदी की सरकार ने दिया। उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछा था कि जब आपकी सरकार थी तो आप क्या कर रहे थे।
जन आशीर्वाद यात्रा में झोंकेगी ताक़त
6 महीने बाद होने जा रहे पांच राज्यों के चुनाव के लिए भी बीजेपी पूरी कमर कस रही है। मोदी सरकार में शामिल हुए नए मंत्रियों को जन आशीर्वाद यात्रा निकालने का निर्देश दिया गया है और इस दौरान वे 22 राज्यों को कवर करेंगे।
यह यात्रा 16 अगस्त से शुरू होकर 10 दिन तक चलेगी और इसमें 39 मंत्री भाग लेंगे। इस दौरान ये मंत्री 265 जिलों को कवर करेंगे, 1,663 बड़े कार्यक्रम करेंगे और 19,567 किमी. की ज़मीन नापेंगे। जन आशीर्वाद यात्रा का उद्देश्य है कि लोगों के पहुंचने से पहले मंत्री ही लोगों तक पहुंच जाएं। हर मंत्री को अपने लोकसभा क्षेत्र के अलावा तीन और क्षेत्र कवर करने के लिए कहा गया है।
बीजेपी जानती है कि इन चुनावी राज्यों में फतेह हासिल करनी ज़रूरी है। अगर वह जीत गई तो 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बड़ी मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर लेगी लेकिन अगर नतीजे उल्टे रहे तो 2024 में दिल्ली की सत्ता से उसकी विदाई हो सकती है।
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