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कंगना को फिर से बीजेपी ने किया तलब, किसान आंदोलन बयान से विवादों में हैं

क्या कंगना रनौत बीजेपी की परेशानी बढ़ाती जा रही हैं? कंगना रनौत को गुरुवार को फिर से बीजेपी ने तलब किया! उन्होंने पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की। किसान आंदोलन के खिलाफ उनकी विवादित टिप्पणी के बाद यह दूसरी बार है जब उन्होंने उनसे मुलाक़ात की। बीजेपी की ओर से यह नहीं कहा गया है कि बैठक में क्या हुआ। किसान आंदोलन पर कंगना के बयान के बाद से बीजेपी की आलोचना हो रही है। हरियाणा चुनाव से ऐन पहले आए कंगना के बयान से बीजेपी ने न सिर्फ़ खुद को अलग किया, बल्कि उनको चेतावनी भी जारी की थी। इसके बावजूद वह लगातार मीडिया को इंटरव्यू दे रही हैं और उनके बयान पर विवाद भी हो रहा है। ताज़ा बयान जाति जनगणना को लेकर दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह जाति जनगणना के ख़िलाफ़ हैं। जबकि बीजेपी ने ऐसी साफ़ राय कभी जाहिर नहीं की है।

बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन स्थल पर लाशें लटकती देखी गईं और बलात्कार हो रहे थे। उन्होंने कहा था कि यदि मोदी सरकार ने कड़े कदम नहीं उठाए होते तो किसानों के विरोध प्रदर्शन से भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी। उन्होंने कहा था, 'बांग्लादेश की तरह ही लंबी योजना बनाई गई थी। ऐसी साजिश थी... चीन, अमेरिका, इस तरह की विदेशी ताकतें यहां काम कर रही हैं।'

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कंगना की टिप्पणी भाजपा के लिए ऐसे समय में आई है, जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव कुछ ही हफ्ते दूर हैं। उनकी टिप्पणी से बीजेपी के ख़िलाफ़ किसानों का ग़ुस्सा और भड़क सकता है।

हरियाणा में किसान आंदोलन का केंद्र रहा है, जिसने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पूरे एक साल तक राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने वाली सड़कों को जाम कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद विरोध प्रदर्शन समाप्त हो गया। हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में कंगना का यह बयान राज्य चुनावों में भाजपा के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा में भाजपा 10 सीटों से घटकर सिर्फ पांच पर आ गई और कांग्रेस ने राज्य में अपना वोट शेयर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 43 प्रतिशत कर लिया।

कंगना के इस बयान की विपक्षी दलों ने तो आलोचना की ही, बीजेपी के नेता भी इससे नाराज़ हैं। पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेता हरजीत ग्रेवाल ने कंगना को भड़काऊ बयान देने से बचने की सलाह दी। ग्रेवाल ने कहा, 'किसानों पर बोलना कंगना का काम नहीं है, कंगना का बयान निजी है। पीएम मोदी और भाजपा किसानों के हितैषी हैं।' 
इसी बीच बीजेपी की ओर से आधिकारिक बयान आया था। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर कंगना रनौत की टिप्पणी से असहमति जताते हुए बीजेपी ने सोमवार को कहा कि मंडी से लोकसभा सांसद को भविष्य में इस तरह के बयान न देने के निर्देश दिए गए हैं।

इसने कहा, 'किसान आंदोलन के संदर्भ में भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा दिया गया बयान पार्टी की राय नहीं है। भारतीय जनता पार्टी कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान से अपनी असहमति व्यक्त करती है। कंगना को पार्टी की नीति पर बयान देने की न तो अनुमति है और न ही वह अधिकृत हैं।'

बीजेपी की सफाई आने से पहले कंगना के इस बयान पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि किसानों को बीजेपी नेताओं ने बहुत अपशब्द बोले हैं, अब उनकी सांसद अन्नदाताओं को हत्यारे और बलात्कारी भी बोल रही हैं- इसका जवाब हम नहीं - बस कुछ दिनों में हरियाणा देगा।

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कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अगर मोदी सरकार को लगता है कि विदेशी ताक़तें हमारे देश के अंदरूनी मामलों में दखल दे रही हैं, तो इसके बारे में क्या कदम उठाये जा रहे हैं? उन्होंने यह भी पूछा है कि क्या यह कंगना जी की निजी राय है या यह बीजेपी और सरकार का मत है?

वैसे, यह पहली बार नहीं है जब किसानों पर अपनी टिप्पणियों के लिए कंगना रनौत को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। 2020 में कृषि कानूनों के विरोध के बीच, उन्होंने पंजाब की एक महिला किसान की गलत पहचान करने और उसके बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। संसद चुने जाने के तुरंत बाद कंगना रनौत चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर एक सीआईएसएफ कर्मी के साथ विवाद में भी शामिल थीं, जिसने कथित तौर पर किसान विरोधी टिप्पणियों को लेकर उन्हें थप्पड़ मारा था।

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क़मर वहीद नक़वी
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