बीजेपी के संगठन महासचिव बी एल संतोष सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले चर्चित नेताओं में से हैं। लेकिन उनके कुछ ट्वीट ऐसे भी होते हैं, जिससे पार्टी में तमाम नेताओं की बेचैनी बढ़ भी जाती है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक बुधवार को संतोष ने एक पोस्ट को रीट्वीट किया, जिसमें उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के कार्यालय से एक पत्र जारी किया गया था। खंडूरी ने मीडिया सलाहकार की नियुक्ति की खबरों का खंडन करते हुए पत्र में बीजेपी महासचिव को भी उसकी कॉपी ईमेल कर दी थी। इस घटना से पता चलता है कि बीजेपी शासित राज्यों में उच्चस्तर पर सरकारी दफ्तरों में भी बी एल संतोष का दखल रहता है। यानी महत्वपूर्ण नियुक्तियां वगैरह उन्हीं से पूछकर होती हैं।
ताजा ख़बरें
बीजेपी के अंदर सवाल पूछे जा रहे हैं कि उत्तराखंड स्पीकर के कार्यालय से भेजे गए पार्टी पदाधिकारी के पत्र को सोशल मीडिया पर क्यों ट्वीट किया गया। संतोष ने उस पोस्ट को तुरंत रीट्वीट किया, जिसे स्पीकर के कार्यालय से जारी किया गया था। किसी राज्य के प्रशासनिक कार्यों में बी एल संतोष के हस्तक्षेप की इस बात बीजेपी के तमाम पदाधिकारी पचा नहीं पा रहे हैं। उनका कहना है कि इस अंदरुनी व्यवस्था को बी एल संतोष ने सार्वजनिक क्यों किया।
संतोष को आरएसएस की तरफ से बीजेपी में भेजा गया है। संघ से भेजे गए महत्वपूर्ण शख्स को बीजेपी में यही पद मिलता है। दरअसल, इस पद पर रहने वाला शख्स ही संघ और बीजेपी के बीच सेतु का काम करता है। हालांकि आरएसएस कहता रहता है कि बीजेपी में उसका कोई दखल नहीं रहता है लेकिन यह तथ्य सही नहीं है। दरअसल, संगठन महासचिव के जरिए ही नियंत्रण रखा जाता है।
राजनीति से और खबरें
इसी तरह बीजेपी शासित राज्यों में भी संघ की ओर एक शख्स नियुक्त किया जाता है। वो प्रभारी होता है और पार्टी की बैठकों से लेकर सरकार तक की बैठकों में शामिल रहता है।
अपनी राय बतायें