चांदनी चौक से सांसद और दिग्गज भाजपा नेता डॉ. हर्ष वर्धन ने लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने के बाद रविवार को सक्रिय राजनीति छोड़ने की घोषणा की। भाजपा ने शनिवार से चांदनी चौक सीट पर व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल सहित दिल्ली के पांच उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे।
पांच बार विधायक और दो बार सांसद रहे वर्धन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के रूप में कार्य किया है। अपने ऐलान में उन्होंने ईएनटी सर्जन के रूप में अपने करियर में लौटने और पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर में अपने क्लिनिक में जिम्मेदारियों को फिर से शुरू करने का भी संकेत दिया।
After over thirty years of a glorious electoral career, during which I won all the five assembly and two parliamentary elections that I fought with exemplary margins, and held a multitude of prestigious positions in the party organisation and the governments at the state and…
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) March 3, 2024
उन्होंने लिखा है कि मेरी जिन्दगी का लक्ष्य "गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना" रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर, जहां उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की, को याद करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने तत्कालीन आरएसएस नेतृत्व के आग्रह के बाद राजनीति में प्रवेश किया था।
हर्षवर्धन की जगह जिन प्रवीण खंडेलवाल को चांदनी चौक से भाजपा उतार रही है, एक कारोबारी नेता और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव हैं। खंडेलवाल ने जीएसटी पैनल में काम किया है और बाजार में स्थानीय व्यवसायों को मात देने वाली विदेशी-आधारित ई-कॉमर्स कंपनियों का मुद्दा उठाया है। वह भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्व कोषाध्यक्ष हैं।
आम आदमी पार्टी ने भाजपा के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा, ''भाजपा आदतन दिल्ली के लोगों को मूर्ख बनाती है। पहले वे पांच साल के लिए चुने जाते हैं, लोगों से वादे करते हैं और उन्हें पूरा नहीं करते। जब लोग उम्मीदवारों से सवाल करते हैं, तो वे यह कहकर उम्मीदवार बदल देते हैं कि यह पार्टी की गलती नहीं है... यह उम्मीदवार था। कल, उन्होंने पांच सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की और चार मौजूदा सांसदों - चांदनी चौक से हर्ष वर्धन, पश्चिम दिल्ली से परवेश वर्मा, दक्षिण दिल्ली से रमेश बिधूड़ी और नई दिल्ली से मीनाक्षी लेखी को बदल दिया गया है।''
अपनी राय बतायें