नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर चल रहे विवाद के बीच लालू प्रसाद यादव का आरजेडी नए संसद भवन के डिजाइन पर टिप्पणी को लेकर विवादों में आ गया है। इसने नये संसद भवन की तुलना एक ताबूत से कर दी और इस वजह से बीजेपी और इसके समर्थकों ने आरजेडी को निशाने पर लिया है। बीजेपी ने कहा है कि ऐसी ट्विटर पोस्ट करने वालों पर राजद्रोह का आरोप लगाया जाना चाहिए। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी आरजेडी की आलोचना की है।
दरअसल, आरजेडी यानी राष्ट्रीय जनता दल ने रविवार को नए संसद भवन की तस्वीर के साथ एक ताबूत की तस्वीर ट्वीट की और कैप्शन दिया, 'यह क्या है।'
ये क्या है? pic.twitter.com/9NF9iSqh4L
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) May 28, 2023
राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एएनआई से कहा, 'इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है? उनके पास दिमाग नहीं है। यह नया संसद भवन जनता के पैसे से बनाया गया है। सभी दलों के प्रतिनिधि, यहाँ तक कि अगर उन्होंने उद्घाटन का बहिष्कार किया है, तो वहां संसद की कार्यवाही में भाग लेंगे। क्या राजद ने स्थायी रूप से संसद का बहिष्कार करने का फ़ैसला किया है? क्या उनके सांसद लोकसभा और राज्यसभा से इस्तीफा दे देंगे?'
बीजेपी नेता ने कहा, 'उन्होंने एक ताबूत की तस्वीर का इस्तेमाल किया है। इससे अधिक अपमानजनक क्या हो सकता है? यह राजनीतिक दल की ओछी मानसिकता को दर्शाता है। यह एक शुभ दिन है, देश के लिए गर्व का दिन है जब एक नई संसद राष्ट्र को समर्पित की जा रही है। और एक ताबूत से तुलना की जा रही है। ऐसी तस्वीर को उन्होंने ट्वीट किया है। ऐसे लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए।'
This is the level to which they have fallen
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) May 28, 2023
Disgusting
This will prove to be the final nail in the coffin of RJD’s politics
Trikon or Tribhuj has much significance in Indian system
By the way the coffin is hexagonal or has 6 sided polygon pic.twitter.com/S5SN5Ro3hN
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, 'देश की जनता आपको 2024 में इसी ताबूत में बंद करके गाड़ देगी और आपको लोकतंत्र के नए मंदिर में आने का मौक़ा नहीं देगी। चलिए यह भी तय हुआ संसद देश का, ताबूत आप।'
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी नए संसद भवन के आकार की तुलना ताबूत से करने वाले ट्वीट को लेकर आलोचना की। उन्होंने एएनआई से कहा, 'राजद का कोई स्टैंड नहीं है, पुराने संसद भवन को दिल्ली अग्निशमन सेवा से भी मंजूरी नहीं थी। वे (राजद) संसद को ताबूत क्यों कह रहे हैं? वे कुछ और कह सकते थे, उन्हें इस ऐंगल को लाने की ज़रूरत क्यों है?' हालाँकि ओवैसी ने आज यह भी तर्क दिया कि लोकसभा अध्यक्ष को इसका उद्घाटन करना चाहिए था, न कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को।
विवाद बढ़ने के बाद आरजेडी की ओर से सफाई भी आई है। इसके आधिकारिक हैंडल से पोस्ट की व्याख्या करते हुए राजद के शक्ति सिंह यादव ने कहा, 'हमारे ट्वीट में ताबूत लोकतंत्र को दफन किए जाने का प्रतिनिधित्व करता है। संसद लोकतंत्र का मंदिर है, संवाद का स्थान है। लेकिन वे उन्हें अलग दिशा में ले जाना चाहते हैं। देश इसे स्वीकार नहीं करेगा। यह संविधान और परंपरा का उल्लंघन है। संविधान के अनुसार राष्ट्रपति समस्त संसद का सर्वोपरि होता है। हम प्रधानमंत्री से आग्रह करते हैं कि लोकतंत्र को ताबूत में न रखें।'
तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला राजद उन 20 राजनीतिक दलों में शामिल है, जिन्होंने नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार किया। उन्होंने इसका बहिष्कार इसलिए किया है क्योंकि कार्यक्रम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार किया गया है और कहा है कि नये संसद भवन का उद्धाघटन राष्ट्रपति से कराया जाना चाहिए था।
अपनी राय बतायें