चुनाव आयोग ने अभी तक विधानसभा चुनाव के लिए तारीख़ों का ऐलान भी नहीं किया है और बीजेपी ने दो राज्यों में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा चुनावी रणनीति पर चर्चा किए जाने के एक दिन बाद ही पार्टी ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इसने 90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए पहली सूची में 21 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं जबकि 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 39 नामों की घोषणा की है।
इन दोनों राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। दोनों ही राज्यों में कड़ी प्रतिस्पर्धा होनी की संभावना है।
भाजपा केन्द्रीय चुनाव समिति ने छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए निम्नलिखित नामों पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है। (2/2) pic.twitter.com/VsjOfj3DVe
— BJP (@BJP4India) August 17, 2023
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सबलगढ़ से सरला विजेंद्र रावत, चाचौड़ा से प्रियंका मीना, छतरपुर से ललिता यादव, जबलपुर पूर्व (एससी) से आंचल सोनकर, पेटलावद से निर्मला भूरिया, झाबुआ (एसटी) से भानु भूरिया, भोपाल उत्तर से आलोक शर्मा, भोपाल मध्य से ध्रुव नारायण सिंह सहित अन्य को मैदान में उतारा है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा ने पाटन से लोकसभा सांसद विजय बघेल, प्रेमनगर से भूलन सिंह मरावी, भटगांव से लक्ष्मी राजवाड़े, प्रतापपुर (एसटी) से शकुंतला सिंह पोर्थे, सरायपाली (एससी) से सरला कोसरिया, खल्लारी से अलका चंद्राकर, खुज्जी से गीता घासी साहू और बस्तर (एसटी) से मनीराम कश्यप सहित अन्य को मैदान में उतारा है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव भी होने हैं। लेकिन उम्मीदवारों की पहली सूची मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए ही जारी की गई है।
शायद यह पहली बार है कि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही बीजेपी ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।
यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के एक दिन बाद आई है। बीजेपी की यह समिति उम्मीदवारों के चयन और चुनाव रणनीतियों की तैयारी के लिए पार्टी की निर्णय लेने वाली संस्था है।
माना जा रहा है कि उम्मीदवारों के नामों की काफी पहले घोषणा करने का बीजेपी का उद्देश्य पार्टी के भीतर मतभेदों की पहचान करना और मुद्दों को पहले से ही हल करना है। पर्यवेक्षकों मानते रहे हैं कि इस साल कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को पार्टी में इसी तरह के मतभेद की वजह से बड़ा नुक़सान हुआ। पार्टी ने कर्नाटक में कई बड़े-बड़े नेताओं के भी टिकट काट दिए थे जिससे उन्होंने बगावत कर दी थी।
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अब राज्यों में हार नहीं देखना चाहेगी। इस साल के अंत में राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं। इनमें से छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में विपक्षी दलों का शासन है। मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है। मिजोरम में सहयोगी और सत्तारूढ़ पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट के साथ भाजपा के संबंध तनावपूर्ण हैं। रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को लेकर बीजेपी में काफी बेचैनी है।
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