राजस्थान के पाली में एक जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा - ''...हमने तय किया है कि हमारी सरकार बनने के बाद पीएम किसान सम्मान निधि, जो 6,000 रुपये है, उसे हम 12,000 रुपये कर देंगे... बीजेपी सरकार एमएसपी पर बाजरा खरीदेगी... बीजेपी 450 रुपये में गैस सिलेंडर देगी... पीएम मोदी ने इतने विकास कार्य किए हैं...।"
अमित शाह ने कहा- ''...पीएम मोदी ने चंद्रयान के साथ भारत के झंडे को चांद तक पहुंचाया...नया संसद भवन और कर्तव्य पथ बनाया...पीएम मोदी अर्थव्यवस्था को 11वें स्थान से 5वें स्थान पर लाए...।"
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किसानों को दी जाने वाली राशि अगर कोई सरकार दोगुनी करती है तो उससे अच्छा क्या हो सकता है। पीएम किसान सम्मान निधि एक केंद्रीय स्कीम है। अमित शाह कह रहे हैं कि भाजपा सरकार बनने पर इसे 6 हजार से 12 हजार कर दिया जाएगा। लेकिन उस स्कीम की राशि को तो केंद्र सरकार चुनाव से पहले भी बढ़ा सकती थी। पीएम मोदी चाहते तो उसे चुनाव के दौरान बढ़ा सकते हैं, जिस तरह उन्होंने मुफ्त राशन योजना को चुनाव के दौरान बढ़ाने की घोषणा की और चुनाव आयोग ने इसका बुरा नहीं माना। इसी तरह पीएम किसान सम्मान निधि अगर चुनाव के दौरान बढ़ा दी जाती तो भी चुनाव आयोग बुरा नहीं मानता। उसने बुरा मानना और ऐसी घोषणाओं का संज्ञान लेना छोड़ दिया है।
अमित शाह की बुधवार की घोषणा काफी गंभीर है। वो केंद्रीय मंत्री हैं। उनकी बात का वजन है। शाह ये बात साफ करने में नाकाम रहे कि पीएम किसान सम्मान निधि का राजस्थान चुनाव से क्या संबंध है। क्या वो ये कहना चाहते हैं कि राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनने पर ही पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा पूरे देश को मिल पाएगा। यही घोषणा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं की गई। भाजपा और तत्कालीन पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में वादा किया था कि केंद्र में भाजपा सरकार आने पर किसानों की आमदनी दो गुनी हो जाएगी। लेकिन किसान की आमदनी दोगुनी तो नहीं हुई, अलबत्ता अब किसान सम्मान निधि की राशि के 6 से 12 हजार करने का वादा किया जा रहा है, वो भी लोकसभा चुनाव 2024 से बहुत पहले।
अमित शाह ने बाजरा एमएसपी रेट पर खरीदने की बात कही है। लेकिन सबसे ज्यादा बाजरा तो हरियणा में पैदा होता है। आखिर उसका लाभ अभी से क्यों नहीं हरियाणा के किसानों को दिया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने 2023 में बाजरे का एमएसपी 2200 रुपये तय किया था। भारतीय किसान यूनियन ने समय-समय पर देश को बताया कि हरियाणा में इस साल किसान 1500 से 1600 रुपये प्रति कुंतल रेट पर बाजरा बेचने को मजबूर हुए। क्योंकि हरियाणा सरकार ही नहीं यूपी में भी बाजरा खरीदने का सरकारी एजेंसियों का इंतजाम ठीक नहीं था। यानी सरकार की जानबूझकर की गई लापरवाही से किसान ओपन मार्केट में बाजपा सस्ते दामों पर मजबूर हुए। बाजरे को आई जागरुकता की वजह से ओपन मार्केट इसे नियंत्रित करना चाहता है और सरकार आंखें बंद करना चाहती है।
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राजस्थान में अब सस्ता गैस सिलिंडर कांग्रेस ने मुद्दा बना दिया है। अमित शाह को बोलना पड़ रहा है। उन्होंने कि उनकी सरकार आई तो जनता को 450 रुपये में सिलिंडर मिलेगा लेकिन बाकी राज्यों के लोगों को इससे वंचित रहना पड़ेगा। हालांकि सरकार चाहे को यूपी, हरियाणा, में 450 रुपये में सिलिंडर बेच सकती है लेकिन ऐसी घोषणा सिर्फ राजस्थान के लिए है और वो भी शर्त के साथ कि जब सरकार आएगी। बहुत साफ है कि सरकार की नीयत क्या है। अगर सरकार की नीयत ठीक है और वो जनता को 450 रुपये में गैस सिलिंडर बेचना चाहती है तो उसके लिए फिर लोकसभा या विधानसभा चुनाव नतीजे का इंतजार क्यों। जनता मूर्ख नहीं है, उसके बीच ये चर्चाएं चल पड़ी हैं कि योजनाओं का लाभ पहले क्यों नहीं दिया जाता।
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