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आशुतोष और अरविन्द केजरीवाल की फाइल फोटो।

दिल्ली में AAP की हार पर आशुतोष की टिप्पणी- 'पार्टी तो तभी खत्म हो गई थी...'

आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का कहना है कि आप बहुत पहले ही 'खत्म' हो गई थी। 8 फरवरी को तो सिर्फ नतीजे सामने आए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अब तो पंजाब बचाना भी मुश्किल होगा।

एनडीटीवी के लेख के मुताबिक आशुतोष ने एक्स पर लिखा- आम आदमी पार्टी तो उसी दिन ख़त्म हो गई थी जिस दिन इस पार्टी के लोग चार्टर्ड फ़्लाइट से चलने लगे, प्रेसिडेंशियल सूट में रहने लगे, अपने लिये शीश महल बनाने लगे, जेड प्लस सुरक्षा लेने लगे। चुनाव में कहने लगे कि हरियाणा ने दिल्ली में नरसंहार के लिए पानी में ज़हर मिला दिया। पत्रकारों को धमकाने लगे और मोदी की नक़ल पर पहले से प्रायोजित इंटरव्यू करने लगे। 8 तारीख को तो बस नतीजा निकला है ।
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एनडीटीवी के मुताबिक आशुतोष ने इसी सिलसिले के दूसरे ट्वीट में फरमाया है-  बीजेपी खत्म हो जायेगी जब वो हिंदुत्व छोड़ेगी, कांग्रेस कमजोर हो गई क्योंकि उसने धर्मनिरपेक्षता से समझौता किया। आप ने क्रांति की नैतिकता छोड़ दी, इसीलिये हार हुई। आप चुनाव लड़ने वाली पार्टी बन गई। कुर्सी से चिपक गई। आप की पूंजी नैतिक सत्ता थी। वो गई तो सरकार भी गई। पंजाब भी बचाना मुश्किल होगा। देखना।
AAP was finished when...journalist Ashutosh post after defeat in Delhi - Satya Hindi
माइक पकड़े हुए आशुतोष आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ (फाइल फोटो)
एनडीटीवी के मुताबिक आशुतोष ने 'शीश महल' वाला जिक्र सीधे तौर पर आप प्रमुख केजरीवाल को टारगेट करके किया है। भाजपा ने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के सुंदरीकरण पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। भाजपा ने ही शीश महल नाम दिया था और वीडियो जारी किया था। 

एनडीटीवी ने लिखा है कि अनुभवी पत्रकार आशुतोष दरअसल, इंडिया अगेंस्ट करप्शन (IAC) आंदोलन के उन नेताओं में से थे, जिन्होंने बाद में आप के नाम से एक राजनीतिक संगठन बनाने का फैसला किया। आशुतोष ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ हर्षवर्धन से हार गए। बाद में आशुतोष ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए 2018 में AAP छोड़ दी थी।

दस वर्षों के लंबे शासन के बाद, आप को दिल्ली चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। जहां बीजेपी ने 48 सीटें हासिल कीं, वहीं आप को 22 सीटें मिलीं। उसका यह प्रदर्शन 2020 के चुनाव से बदतर है, तब आप को 62 सीटें मिली थीं। आतिशी, गोपाल राय को छोड़कर आप के सभी बड़े नेता आनी केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन और सौरभ भारद्वाज हार गये। आप के लिए यह बड़ा झटका है।

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केजरीवाल, आशुतोष के अलावा आप के संस्थापकों में शुमार प्रसिद्ध वकील (सुप्रीम कोर्ट) प्रशांत भूषण ने भी यही बात कही है। प्रशांत भूषण ने अपनी बात एक्स पर लिखी। प्रशांत भूषण ने कहा कि आप को वैकल्पिक राजनीति के लिए एक पारदर्शी मंच के रूप में स्थापित किया गया था। लेकिन सत्ता मिलने के बाद केजरीवाल ने आप की प्रकृति को बदल दिया। केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "उन्होंने (केजरीवाल ने) अपने लिए 45 करोड़ का शीश महल बनाया और लग्जरी कारों में यात्रा करना शुरू कर दिया। उन्होंने आप द्वारा गठित विशेषज्ञ समितियों की 33 विस्तृत नीति रिपोर्टों को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि समय आने पर पार्टी इन नीतियों को अपनाएगी।"

 
प्रशांत भूषण ने एक्स पर लिखा कि "उन्हें (केजरीवाल को) लगा था कि झूठ और दुष्प्रचार से राजनीति की जा सकती है। यह आप के अंत की शुरुआत है।"
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)
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क़मर वहीद नक़वी
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