चुनाव अभियान के दौरान अपने भाषणों में इमरान ख़ान ने वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी पी.टी.आई. सत्ता में आई तो वह पाकिस्तान में 'मदीना की रियासत' की स्थापना करेंगे। अब सवाल यह है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वो पाकिस्तान को कितना मदीने की रियासत के क़रीब लाए हैं या सिर्फ फ़रेब किया है। देखते हैं-
(1) इमरान ने कहा था कि वह क़र्ज़ लेने के बजाय ख़ुद को गोली मार लेंगे। लेकिन उनकी सरकार ने एक साल में आईएमएफ़ से 16 बिलियन डॉलर का क़र्ज़ लिया है जो 1947 में पाकिस्तान के निर्माण के बाद लिए गए क़र्ज़ों में एक रिकॉर्ड है।
(2) उन्होंने कहा था कि वह एक करोड़ नौकरियाँ उपलब्ध करवाएँगे परन्तु वास्तव में बेरोज़गारी और छँटनी रिकॉर्ड स्तर पर है। उनके सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में लाखों नौकरियाँ चली गईं।
(3) उन्होंने कहा था कि वह 50 लाख घर बनवाएँगे। लेकिन एक भी नहीं बनाया गया है, और कई मौजूदा घर ढह गए हैं।
(4) उन्होंने कहा था कि खाद्य पदार्थ, बिजली, ईंधन आदि की क़ीमतें नीचे जाएँगी लेकिन इनकी क़ीमतों ने आसमान छू लिया है।
(5) उन्होंने भ्रष्टाचार को समाप्त करने का वादा किया था लेकिन जब उन्होंने संदिग्ध उम्मीदवारों को पीटीआई के टिकट दिए, यह ज़ाहिर हो गया कि वह वादा केवल नौटंकी थी। पाकिस्तान में अभी भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार जारी है।(6) उन्होंने वादा किया था कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा लेकिन वास्तव में यह तेज़ी से डूब रही है। एक कारण पाकिस्तान आर्थिक सलाहकार परिषद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री आतिफ मियां का बर्खास्त होना था और ऐसा सिर्फ़ इसलिए हुआ क्योंकि वह एक अहमदी थे। पाकिस्तानी रुपए ने एक साल में अपने मूल्य का 35% खो दिया है।(7) उन्होंने पाकिस्तान में लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का वादा किया था लेकिन उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया का दमन किया। कई राजनीतिक विरोधी जैसे नवाज़ शरीफ, राणा सनाउल्ला कैद कर लिए गए। कई ईमानदार और स्वतंत्र पत्रकारों को बर्खास्त या पीड़ित किया गया और जंग ग्रुप ऑफ़ न्यूज़पेपर के प्रमुख मीर शकीलुर रहमान कई महीनों से जेल में हैं।
(8) उन्होंने चीन को सभी प्रकार की आर्थिक रियायतें दी हैं जो आज एक साम्राज्यवादी शक्ति है और दुनिया भर में बहुत ही तीव्रता से बाज़ार एवं कच्चे माल की तलाश कर रहा है। बलूचिस्तान की विशाल प्राकृतिक सम्पदायें जैसे सोना, तांबा, तेल, गैस आदि चीनियों को सौंप दिए गए हैं जिससे बलूचियों में गहरी नाराज़गी है जिसकी आर्म्ड यूनिट ने हाल ही में कराची स्टॉक एक्सचेंज पर हमला किया।
(9) उन्होंने पूरे पाकिस्तान में अच्छे स्कूल और अस्पताल स्थापित करने का वादा किया था लेकिन वे कहाँ हैं?
'मदीना की रियासत' से इमरान ख़ान का मतलब शायद कल्याणकारी राज्य था। लेकिन क्या यही वो कल्याणकारी राज्य है जिसका उन्होंने वादा किया था?
इसलिए अब पाकिस्तानियों को इमरान ख़ान से यह सवाल पूछने का समय आ गया है: (जिसे यू टर्न ख़ान के नाम से भी जाना जाता है) क्या यही मतलब है मदीने की रियासत या 'नए पाकिस्तान' का जिसका आपने वादा किया था?
अपनी राय बतायें