कुछ दिनों पहले नोएडा में एक सड़क दुर्घटना के बाद एकत्रित हुए तमाशबीनों को कार के ड्राईवर ने अपना हिन्दू नाम बताया लेकिन जब पुलिस पहुँची और उसका लाइसेंस देखा तो वह मुसलमान निकला।
10वें दौर की वार्ता में किसानों के लिए केंद्र सरकार का यह प्रस्ताव हैरान करने वाला था कि विवादास्पद तीन कृषि क़ानूनों को एक से डेढ़ साल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। सरकार ऐसा करने को तैयार क्यों हुई?
अमेरिका के छियालीसवें राष्ट्रपति जो बाइडन ने डोनल्ड ट्रंप द्वारा लिए गए अटपटे और विध्वंसकारी फ़ैसलों को उलटकर जता दिया है कि वे ट्रंप युग की कड़वी यादों को दफ़्न करना चाहते हैं।
डोनल्ड ट्रंप और उसके समर्थक राजनेताओं के उकसावे पर दक्षिणपंथियों की हिंसक भीड़ ने अमेरिकी संसद भवन कैपिटल पर हमला कर दिया। इस हमले का मक़सद अमेरिका में सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करना था। क्या भारत कोई सबक लेगा?
वाट्सऐप को दुनिया के करोड़ों लोग रोज इस्तेमाल करते हैं। वह भी मुफ्त! लेकिन पिछले दिनों लाखों लोगों ने उसकी बजाय ‘सिग्नल’, ‘टेलीग्राम’ और ‘बोटिम’ जैसे माध्यमों की शरण ले ली।
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली की यह दिल्ली-यात्रा हुई तो इसलिए है कि दोनों राष्ट्रों के संयुक्त आयोग की सालाना बैठक होनी थी लेकिन यह यात्रा बहुत सामयिक और सार्थक रही है।
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कैपिटल हिल कांड के बाद डोनल्ड ट्रम्प का ट्विटर अकाउंट बंद किए जाने पर रोष जताया और कहा कि टेक कम्पनी का फ़ैसला लोकतंत्रों के लिए सजग होने का संकेत है। तो बड़ा ख़तरा कौन?
कृषि क़ानूनों पर किसान आन्दोलन के मामले में सुप्रमी कोर्ट निष्पक्षता की भाषा बोलता है, पक्षपात से ऊपर होने का दावा करता है, पर सामान्य राजनीतिक आचार व्यवहार को भंग करने की कोशिश करता है। बता रहे हैं लेखक प्रताप भानु मेहता।
सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की पीठ से जो सरकार के ख़िलाफ़ गर्जन-तर्जन हो रहा था, उसे फटकार सुनाई जा रही थी, उसका खोखलापन तुरत उजागर हो गया। पूरी सुनवाई किसानों के हित, देश की भलाई का एक कमज़ोर स्वाँग भर थी।