राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे पर आरक्षण वाले बयान पर भीमराव आंबेडकर के प्रपौत्र राजरत्न आंबेडकर ने बड़ा खुलासा किया है। जानिए, उन्होंने क्यों कहा कि राहुल के ख़िलाफ़ आंदोलन करने के लिए बीजेपी ने उनसे संपर्क किया।
कांग्रेस ने राहुल गाँधी को दी गयी धमकियों के जवाब में देश भर में प्रदर्शन आयोजित किये। राहुल गाँधी को धमकाने वालों के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
अपनी यात्रा से जम्मू-कश्मीर के माहौल को गरमाने वाले राहुल वहां हो रहे चुनाव में उस तरह उपस्थित क्यों नहीं रहे हैं? यह सवाल हरियाणा चुनाव पर भी लागू होता है।
राहुल गांधी के अमेरिका यात्रा के दौरान आरक्षण के दिए बयान को आख़िर बीजेपी से लेकर बीएसपी तक क्यों मुद्दा बना रहे हैं? क्या राहुल गांधी का आरक्षण पर विचार बदल गया है या फिर उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है?
बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह ने सार्वजनिक तौर पर राहुल गांधी का नाम लेकर क्यों कह रहे हैं कि ‘आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ’?
विनायक नरहरि भावे यानी विनोबा भावे की बुधवार 11 सितंबर को जयंती
है। वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार त्रिपाठी ने भूदान आंदोलन के अगुआ विनोबा भावे को समर्पित यह लेख लिखा है। मौजूदा पीढ़ी के जो लोग विनोबा भावे को नहीं जानते, उनके लिए यह लेख एक जरूरी खुराक की तरह है।
मणिपुर में ताज़ा हिंसा शुरू होने और विरोध-प्रदर्शन के बाद इंफाल में कर्फ्यू लगा दिया गया। गृह मंत्रालय ने पूरे मणिपुर में पाँच दिनों के लिए इंटरनेट निलंबित कर दिया है। आख़िर ऐसी नौबत क्यों आई?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर के दौरे पर कहा है कि वह भारत में भी कई सिंगापुर बनाना चाहते हैं और वह इस दिशा में मिलकर कोशिश कर रहे हैं। क्या सच में भारत में सिंगापुर बनाने का माहौल है? या हालात कुछ और स्थिति की ओर इशारा करते हैं?
“द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर”, “इंदु सरकार”, “कश्मीर फाइल्स”, “द केरल स्टोरी”, ”उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक” जैसी फिल्में क्यों बनाई गईं? जानिए, क्या कंगना की फिल्म इमरजेंसी इससे कुछ अलग है?
कीव से नई दिल्ली वापसी के सिर्फ़ तीन दिन बाद ही रूस ने यूक्रेन पर अपना अब तक का सबसे बड़ा हमला कर दिया। देश को जानकारी मिलना बाक़ी है कि मोदी यूक्रेन क्यों गए थे?
अब्दुल गफ्फूर अब्दुल मजीद नूरानी का 93 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। जानिए, उन्होंने किस-किस तरह की किताबें लिखीं और आरएसएस के प्रति उन्होंने क्या आगाह किया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी के मामलों में हाल में दिए गए फ़ैसले क्या ईडी की निर्बाध शक्तियों को कम नहीं करते हैं? क्या अब सुप्रीम कोर्ट ने मोदी शासन के कोबरे की विषग्रंथि निकाल दी है?