भारत के नेता और राजनीतिक दल अक्सर विदेशी हाथ की चर्चा करते हैं। लेकिन राहुल गांधी जब अमेरिका में जाते हैं और वहां तमाम महत्वपूर्ण बातें कहते हैं तो विदेशी हाथ का संदर्भ बदल जाता है। इसी तरह पीएम मोदी तो कई बार अमेरिका गए हैं और फिर जा रहे हैं, भाजपा की नजर में क्या अब विदेशी हाथ का मतलब वही है जो वो कहते रहे हैं?