उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित कह दिया। दलित चिंतक कँवल भारती से समझिए कि ब्राह्मण की परेशानी क्या है कि वह दलित की पूजा नहीं कर सकता।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान हनुमान की जाति बता डाली। आख़िर ऐसी बात ऐसे व्यक्ति के मुँह से कैसे सुनाई पड़ी जो कि स्वयं एक भगवाधारी साधू है?
रामायण में राम केवल तीन बारे रोए हैं - तीनों ही बार सीता को कष्ट होने को लेकर। क्या अब चौथी बार राम के रोने का समय आ रहा है, उनके अविवेकी भक्तों के कारण?
इमरान खान के प्रधानमंत्री बनते ही भारत और पाकिस्तान में एक नई जंग भी छिड़ गई है। एक ऐसी जंग जो 1947 के बाद से अब तक नहीं हुई थी। ये जंग है, मौलिक विचारों की, ये जंग है, हंड्रेड परसेंट ऑरिजनल आइडियाज़ की। ये जंग है, पकौड़े और अंडों की!
गौरी लंकेश, कलबुर्गी, पानसरे और डाभोलकर की हत्या में जिस सनातन संस्था का नाम सामने आया है, यह संस्था हिंदूवाद की बात करती है और हत्या का प्रचार रखती है।
दत्तात्रेय गोत्र और कौल ब्राह्मण जाति में जन्मे राहुल गाँधी! यह इक्कीसवीं सदी के एक बड़े युवा नेता का बायोडेटा है! ये युवा नेता सेकुलरवादियों का आख़िरी चिराग़ है!
ब्राह्मणवादी पितृसत्तात्कता के नाश के पोस्टर से नाराज़ वे लोग हैं जो ब्राह्मण होने का लाभ तो लेते हैं मगर ब्राह्मणवादी व्यवस्था पर हमले से व्यथित हो जाते हैं।
टीवी पर विज्ञापन देने से बीजेपी के दो हित सधते हैं। एक तो मीडिया में उसका धुआँधार प्रचार होता है। दूसरे मीडिया भी विज्ञापन के चक्कर में अपना मुँह बंद रखता है।
क्या जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बताएँगे कि कैसे राज्य में दो सरकारें चलाने वाली पीडीपी और बीजेपी का गठजोड़ पवित्र था लेकिन पीडीपी-नैकां का अपवित्र हो गया?
भारी बहुमत और अहम पदों पर होने के बावजूद कुछ हिदुओं को क्यों लगता है कि वे भारत में असुरक्षित हैं? क्या हिंदू धर्मग्रंथ दूसरे समुदायों से घृणा करना सिखाते हैं?