कोलकाता में हुई ममता बनर्जी की विशाल जनसभा 1977 की याद ताज़ा कर रही है। उस समय रामलीला मैदान में इंदिरा गाँधी के विरुद्ध इतनी ही जबर्दस्त जनसभा हुई थी। क्या दोनों रैलियों में कोई समानता है?
जस्टिस सीकरी ने लदंन में सीएसएटी पोस्टिंग का प्रस्ताव ठुकराकर बहुत अच्छा किया। कोई भी व्यक्ति जो अपने चरित्र पर कीचड़ उछाला जाना बर्दाश्त नहीं कर सकता, वह ऐसा ही करता।
ख़बर है कि केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की 'नई शिक्षा नीति' ने देश भर में कक्षा आठ तक हिंदी भाषा को अनिवार्य रूप से पढ़ाने की सिफ़ारिश की है। तो क्या हिंदी अब डंडे के बल पर चलेगी?
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार और मीडिया को हमेशा एक-दूसरे का विरोधी होना चाहिए, यह सही मानसिकता नहीं है। गृह मंत्री का यह बयान संविधान विरोधी है।
कुछ जानकारों ने दावा किया है कि मोदी ने ऊँची जातियों को दस फ़ीसदी का आरक्षण घोषित करके एक ऐसा मास्टर स्ट्रोक मार दिया है जिससे 2019 के चुनाव के लिए पूरी हवा उनके पक्ष में बहने लगेगी। क्या डरे हुए नेता मास्टर स्ट्रोक मारते हैं?
पूर्व केंद्रीय मंत्री संघप्रिय गौतम ने माँग की है कि शिवराज चौहान को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए, नितिन गडकरी को उप-प्रधानमंत्री घोषित किया जाए। तो क्या मौजूदा पार्टी नेतृत्व ने से बीजेपी के ही नेता संतुष्ट नहीं हैं?
करतारपुर साहिब तक कॉरिडोर खुलने के बाद अब कश्मीरी हिन्दुओं ने पीओके में शारदापीठ तक कॉरिडोर बनाने की बात उठानी शुरू की है। तो क्या यह करतारपुर साहिब कॉरिडोर जितना आसान होगा?
क्या इस साल देश अपने पुराने रास्ते ल आएगा? क्या संघ हिन्दू राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ पाएगा? क्या राहुल ब्रांड मोदी को पूरी तरह खारिज करा पाएंगे? नया साल इन सवालों का उत्तर देगा।
साम्प्रदायिक ताकतें एकजुट हुईं। बाबरी मसजिद का काण्ड हुआ। अयोध्या के विध्वंस के बाद देश में साम्प्रदायिकता के ख़िलाफ़ आन्दोलन की ज़रूरत महसूस की गई। अब यदि देश को बचाना है तो लामबंद होना कितना ज़रूरी है?
देश में ऐसा क्या हो गया है कि लोगों ख़तरा महसूस होने लगा है? क्या स्थितियाँ इतनी ख़राब हो गई हैं कि सचमुच लगने लगा है जैसे हम इस देश में और रह नहीं सकते?
यदि क्रिश्चन मिशेल द्वारा पूछताछ में सोनिया गाँधी का नाम लेने से वे संदिग्ध हो जाती हैं तो सहारा-बिड़ला काग़ज़ात में मोदी जी का नाम आने से वे संदिग्ध क्यों नहीं होते?
इस साल वॉर्नर और स्टीव स्मिथ के बैन होने के बाद नये ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने कहा था कि हमारी टीम अब स्लेजिंग नहीं करेगी। लेकिन भारत के साथ मैच में टिम पेन ने स्लेजिंग को पुनर्जीवित कर दिया है। जानिए, क्या है स्लेजिंग।
कानून मंत्री ने न्यायपालिका में आरक्षण देने की बात तो कही है लेकिन अब जब सरकार के सिर्फ़ कुछ महीने शेष हैं तो ऐसे में यह चुनाव में वोट बँटोरने के सिवा और कुछ नहीं है।
हमारे ही समाज के बलात्कार बाँकुरों ने बलात्कार की ऐसी नयी प्रविधि खोज कर दिखा दी जो औरत की हत्या से कई गुणे दर्दनाक थी। क्या यह वही दुर्गा-काली वाला हमारा देश है?