जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद लगे प्रतिबंंधों के कारण हालात बेहद ख़राब हैं और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सभी जगह इंटरनेट चालू नहीं हुआ है।
'छत्रपति शिवाजी' के नाम से जुड़ा ताज़ा विवाद छिड़ा एक ऐसी पुस्तक को लेकर जिसका शीर्षक है 'आज के शिवाजी- नरेंद्र मोदी'। छत्रपति की मोदी से तुलना क्यों? क्या शिवाजी को मुसलमानों से नफ़रत थी?
दिल्ली पुलिस की लगातार धमकियों के बावजूद शाहीन बाग़ में भीड़ कम नहीं हो रही है बल्कि बढ़ती चली जा रही है। यह देश का अभूतपूर्व आंदोलन है, सदियाँ इसे याद रखेंगी।
पंजाब में आतंकवाद पर काबू पाने वाले पुलिस महानिदेशक जूलियो रीबेरो का कहना है कि वे सहमे हुए हैं, ईसाई होने की वजह से वे अपने ही देश में खुद को अनजान पा रहे हैं।
अमेज़न और 'वाशिंगटन पोस्ट' के मालिक जेफ़ बेज़ो पर प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रियों के बयान से क्या 'वाशिंगटन पोस्ट' झुक जाएगा? क्या उसाे काबू किया जा सकता है?
बीजेपी में एक लंबा सफ़र तय करने वाले नड्डा अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। लेकिन क्या वह बीजेपी को अमित शाह की छाया से बाहर निकाल पायेंगे?
मेघना गुलज़ार और दीपिका पादुकोण की फ़िल्म छपाक चर्चा का विषय बनी हुई है। फ़िल्म का विरोध करने वाले तेजाब हमले की पीड़िताओं के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।
गृह मंत्री अमित शाह ने यह कह कर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि राष्ट्रविरोधी नारे लगाने वालों को सीधे जेल भेज दिया जाएगा। प्रश्न यह है कि क्या नारा लगाने मात्र से ही किसी को जेल की सज़ा हो सकती है?