अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय स्तर पर एक उभरता नाम है। 2014 के चुनावों में मोदी ने एक सपना दिखाया था- विकास का गुजरात मॉडल। अरविंद केजरीवाल अब विकास का दिल्ली मॉडल लेकर देश भर में घूम सकते हैं।
दिल्ली के चुनाव में बीजेपी नेताओं ने नफ़रत भरे बयान दिये। अमित शाह ने कहा कि हो सकता है कि पार्टी को ऐसे बयानों से नुक़सान हुआ है। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा हुआ है।
हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगने के कारण अगर बीजेपी को सांप्रदायिक कहा जाता है तो जब मुसलमान किसी पार्टी को एकमुश्त वोट देते हैं तो उस पार्टी को सांप्रदायिक क्यों नहीं माना जाए?
दिल्ली के चुनाव ने यह साबित कर दिया है कि जो इतिहास से सबक़ नहीं लेते वे इतिहास को दोहराने के लिए अभिशप्त होते हैं। क्या आप और बीजेपी में यही फ़र्क है?
उच्चतम न्यायालय का फ़ैसला यह कहता दिख रहा है कि विधानसभा या संसद कुछ भी कहें, सरकार को ही अंतिम फ़ैसला करना है कि उसे क्या करना है और क्या नहीं करना है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि आरक्षण देना राज्य सरकारों की इच्छा पर निर्भर करेगा। सभी राज्य और केंद्र सरकारों को इस फ़ैसले पर सख्ती से अमल करना चाहिए।
दिल्ली में जहां आम आदमी पार्टी का फ़ोकस अपनी सरकार के कामकाज पर रहा तो बीजेपी के नेताओं ने हिंदुस्तान-पाकिस्तान, शाहीन बाग़ को मुद्दा बनाने की कोशिश की।