भारत में दूध एवं दुग्ध उत्पादों का आयात एक बार फिर चर्चा में है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्वागत करने जा रहे भारत पर अमेरिका से डेयरी उत्पादों के आयात को लेकर दबाव है।
राजस्थान के नागौर ज़िले में दलितों की पिटाई का जो वीडियो सामने आया है, उसे देखकर यह नहीं कहा जा सकता है कि भारत की क़रीब 20 प्रतिशत आबादी भी 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुई थी।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने कार्यकाल के अंतिम साल में भारत का दौरा करने का फ़ैसला सामरिक या आर्थिक रिश्तों के नज़रिये से अहम माना जा रहा है लेकिन ट्रंप केवल इन्हें प्रगाढ़ बनाने के इरादे से ही भारत आ रहे हैं, यह कहना सटीक नहीं होगा।
इन दिनों राजस्थान और मध्य प्रदेश के कांग्रेसियों में होड़ मची है कि कैसे वे प्रियंका गाँधी को राज्यसभा में भेजें। लेकिन अभी तक उन्होंने पार्टी के लिए कौन-सा ऐसा काम किया है कि वह राज्यसभा की शोभा बढ़ाएँ?
ख़बरें आ रही हैं कि ट्रम्प 24 फ़रवरी को अहमदाबाद में 'दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम' का उद्घाटन करेंगे। यह भी कि बॉलीवुड के अनेक कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे।
प्रशांत किशोर ने अब राजनीति में अपने अपने गुरु नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। अब वह सौ दिनों तक पूरे बिहार में घूम कर लोगों को बताएँगे कि असल में नीतीश विकास पुरुष हैं ही नहीं।
केरल के सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर न्यायालय में चल रही बहस के बीच सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि किसी व्यक्ति का मंदिर में प्रवेश पूरी तरह अप्रतिबंधित नहीं है। यह तर्क क्या सही है?
आख़िर क्यों केंद्र सरकार ने सबरीमला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को चुनौती दी और दूसरे राजनीतिक दलों का भी सामाजिक-राजनैतिक मामलों को लेकर रवैया बेहद ख़राब है।
केजरीवाल से लोगों को उम्मीद थी कि वह आरक्षण, नागरिकता क़ानून, जामिया, जेएनयू के छात्रों पर लाठीचार्ज जैसे मसलों पर बोलेंगे लेकिन उन्होंने इनमें से किसी भी मसले पर बात नहीं की।
आरएसएस-बीजेपी परिवार गाँधीजी को अपमानित और नीचा दिखाने का कोई मौक़ा नहीं गँवाती है। अब इसमें नया नाम जुड़ा है प्रधानमंत्री के प्रिय और वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार संजीव सन्याल का।
“इसलाम ख़तरे में है” की तर्ज़ पर आरएसएस और बीजेपी ने “हिंदू धर्म ख़तरे में है” का नारा लगाना और इस की आड़ में चुनाव जीतने के लिए हिंदुओं के एक बड़े तबक़े को बरगलाना शुरू कर दिया है।
ट्रंप के दौरे के चलते अहमदाबाद में झुग्गी-झोपड़ियों के आगे दीवार बनाई जा रही है। लेकिन हुक्मरानों को यह समझना चाहिए कि दीवार खड़ी करने से ग़रीबी नहीं छुपेगी।
दिल्ली विधान सभा के इस चुनाव में बीजेपी के अभियान की कमान पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह के हाथ में थी। चुनाव प्रचार के जितने भी तीर उनके पास थे सब चलाए गए। पर नतीजा उनके पक्ष में नहीं आया।