चीन की सेना ने हाल ही में भारतीय क्षेत्र लद्दाख के गालवान में 3-4 किलोमीटर तक प्रवेश किया है। भारत में कई लोग ऐसा सोचते हैं कि यह घटना दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर किसी छोटी ग़लतफहमी के कारण हुई, लेकिन ऐसा नहीं है।
24 मार्च के आसपास रोज़ 50-60 नए मरीज़ों का पता चल रहा था तो लॉकडाउन किया गया था और अब जब 8 हज़ार से ज़्यादा नए मरीज़ रोज़ मिल रहे हैं तो लॉकडाउन क्यों खोला जा रहा है?
देश जब दिक्कतों का सामना कर रहा हो, जनता या तो घरों में बंद हो या सड़कों पर पैदल चल रही हो, आपदा प्रबंधन के तहत सारी शक्तियाँ कुछ व्यक्ति-समूहों में केंद्रित हो गई हों, उस स्थिति में अदालतों, विपक्ष और मीडिया को क्या काम करने चाहिए?
बीजेपी ने ‘रिंकिया के पापा’ को आउट कर दिया। अम्पायर बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी को ‘आउट’ क़रार दिया है और उनकी जगह अब आदेश गुप्ता ‘बैटिंग’ करेंगे।
गिरिराज सिंह ने कभी खूंखार माने जाने वाले रणबीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया की बरसी पर उन्हें शहीद बताते हुए ‘कोटि कोटि नमन’ का ट्वीट क्यों किया?
हांगकांग के चीन के साथ रहते हुए भी स्वायत्त रहने की व्यवस्था 2047 तक थी लेकिन चीन हांगकांग को ख़ुद के अधीन बनाने पर तुला हुआ है। इसे लेकर जबरदस्त विरोध हो रहा है।
पिछले सप्ताह केंद्र में एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा हुआ था। इस अवसर पर अनेक सार्वजनिक मंचों से इस अवधि के दौरान उपलब्धियों के लिए अपनी पीठ थपथपाई गई। क्या कोरोना संकट तक इंतज़ार नहीं किया जाना चाहिए था।
जून, 1984 में हुआ ऑपरेशन ब्लू स्टार सिखों और पंजाबियों के लिए ऐसा दर्द है, जिसे शायद वे कभी नहीं भुला पाएंगे। लेकिन यह सवाल आज भी सामने खड़ा है कि आख़िर ऑपरेशन ब्लू स्टार का असली गुनहगार कौन है?
जॉर्ज फ्लॉयड के गोरे पुलिस अधिकारी के घुटने तले दम तोड़ने के बाद अमेरिका हिंसा की चपेट में आ गया। लेकिन यह बहस खड़ी हुई है कि अश्वेतों से गैर-बराबरी का भाव कब ख़त्म होगा।
आज 1 जून से लॉकडाउन ख़त्म होने की उलटी गिनती शुरू हो रही है। सरकार ने इसे अनलॉक-1 का नाम दिया है जो 30 जून तक चलेगा। पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं तो अनलॉक की घोषणा क्यों?
सुपर हिट फ़िल्म ‘हेराफेरी’ की याद मुझे आज 68 दिनों के लॉकडाउन खुलने के बाद हुए अनलॉक के पहले दिन आ रही है। देश भर में कुल मिलाकर हर जगह फ़िल्म ‘हेराफेरी’ जैसा सीन महसूस किया जा सकता है।
श्रमिकों ने सोचा कि सड़कों पर मारे-मारे फिरे तो सचमुच कोरोना से मर जाएँगे। किसी तरह घर पहुँच गए तो शायद ज़िंदा रह जाएँ अन्यथा मरण तो पक्का है। दोनों सूरतों में अगर मरना ही है तो क्यों न अपनी माटी में जाकर मिट्टी में मिल जाएँ।
दुनिया के सात अमीर देशों के संगठन जी-7 की शिखर बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और रूस को न केवल निमंत्रण दिया है बल्कि इसे जी-11 या जी-12 करने की सम्भावना भी ज़ाहिर की है।