25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगी थी उससे पहले इंदिरा गाँधी के ख़िलाफ़ न्यायपालिका में केस चल रहा था। कैसा रहा था इंदिरा, इमरजेंसी और न्यायपालिका का वह दौर।
45 साल पहले आपातकाल के दौरान जब जेपी का नज़रबंदी आदेश निकला था तब प्रेस में खलबली मची थी। प्रेस सेंसरशिप भी लागू हो चुकी थी। किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि आगे क्या होने वाला है।
भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल सस्ता हो गया है। कच्चे सस्ते तेल का फायदा आम आदमी को क्यों नहीं मिल रहा है।
स्वतंत्रता के पहले और बाद भी रामलीला मैदान रैली और राजनीति के लिए जाना जाता है। वामपंथियों से लेकर जनसंघ और बीजेपी तक के कार्यक्रम इस मैदान पर हुए हैं।
भारत चीन सीमा विवाद के बीच गलवान पर मोदी का बयान देश के लिए बड़ा झटका है। क्या प्रधानमंत्री के केवल एक वक्तव्य ने ही देश को बिना कोई ज़मीनी युद्ध लड़े मनोवैज्ञानिक रूप से हरा नहीं दिया है?
सेना और विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि कोई भी जवान ‘लापता’ नहीं है लेकिन चीन द्वारा दस भारतीय जवानों को रिहा करने के बाद दोनों की किरकिरी हो रही है।