यदि कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए आज डाॅ. फारुक जगमोहन के विरुद्ध जाँच बिठाने की माँग कर रहे हैं तो उस जाँच की अग्नि-परीक्षा में सबसे पहले ख़ुद डाॅ. फारुक को खरा उतरना होगा।
पिछले कुछ वर्षों से देखने में आ रहा है कि कमोबेश सभी ग़ैर बीजेपी शासित राज्यों के राज्यपाल राज्य सरकार की सलाह से नहीं बल्कि खुलेआम केंद्र सरकार की सलाह से काम कर रहे हैं।
नई शिक्षा नीति में ज़ोर दिया गया है लेकिन अगर सरकार पांडुलिपियों को लेकर गंभीरता से काम करना चाहती है तो उसको पांडुलिपि मिशन को भंग करके राष्ट्रीय पांडुलिपि प्राधिकरण जैसी संस्था का गठन करना होगा।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने 1884 में पहली बार हिंदुइज़्म से अलग हिंदुत्व की परिकल्पना पेश की। उन्होंने बार-बार ब्रिटिश सरकार से अपील की कि धार्मिक तटस्थता की नीति त्यागकर जातीय प्रतिबंधों को कठोरता से लागू करे।
नई शिक्षा नीति का मसौदा पेश किया गया है। स्कूली तालीम से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालय तक की शिक्षा पर गंभीरता से सोचा गया है। पर यह दलदल में बरगद की छाँव का धोखा है।
आज क्रांतिकारी उधम सिंह की शहादत का दिन है। आज ही के दिन यानी 31 जुलाई 1940 को उधम सिंह को फाँसी की सज़ा हुई थी। उधम सिंह का जीवन और उनकी शहादत कई मायने में अलग है। उनकी ज़िंदगी रूमानियत में डूबी कहानी है।
उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण मतदाताओं में ज़बरदस्त नाराज़गी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सत्ता में आने के बाद इस समाज को उम्मीद जगी थी कि कुछ बेहतर होगा। अब वे ख़ुद को ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई में घिरे पा रहे हैं।
इसमें कोई शक नहीं है कि राफ़ेल एक क्षमतावान लड़ाकू विमान है और पाकिस्तान के पास इस विमान का कोई जवाब नहीं है लेकिन चीनी वायुसेना के बारे में यह कहना अतिश्योक्ति होगी।
ऐसा लग रहा है कि राजस्थान की राजनीति पटरी पर शीघ्र ही आ जाएगी। राज्यपाल कलराज मिश्र का यह बयान स्वागत योग्य है कि वह विधानसभा का सत्र बुलाने के विरुद्ध नहीं हैं।