एक पुलिस अधिकारी द्वारा रविवार को गोली मारे जाने के कुछ घंटे बाद ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नाबा किशोर दास की मौत हो गयी। एक सहायक उप-निरीक्षक ने उनको गोली मार दी थी। नाबा किशोर दास एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे। जब वह झारसुगुडा ज़िले के ब्रजराजनगर में गांधी चौक के पास पहुँचे तो पुलिस अधिकारी ने कम से कम दो राउंड गोलियाँ चलाईं। उनके सीने में गोली लगी थी। रिपोर्ट के अनुसार मंत्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया था। उनकी हालत बेहद नाजुक थी। ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा है, 'मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को मंत्री नब दास के दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर गहरा सदमा लगा है और उन्होंने इस पर दुख व्यक्त किया है। वह सरकार और पार्टी दोनों के लिए एक पूंजी थे। उनका निधन ओडिशा राज्य के लिए एक बड़ी क्षति है।'
नबा दास बीजद के एक प्रमुख नेता हैं और कहा जा रहा है कि 2024 के चुनावों से पहले उन पर गोली चलाना गंभीर चिंता का विषय है। राज्य में यह राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील मुद्दा हो सकता है।
बहरहाल, गोली चलाने वाले पुलिसकर्मी की पहचान एएसआई गोपाल दास के रूप में हुई है। फायरिंग के पीछे की सही वजह का अभी पता नहीं चल पाया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार एएसआई को आज के कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्था देखने के लिए तैनात किया गया था और वह मंत्री के करीब था। स्वास्थ्य मंत्री गांधी चौक पर जब मंत्री अपनी कार से बाहर निकले तो सिपाही ने गोलियाँ चलाईं।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रजराजनगर एसडीपीओ गुप्तेश्वर भोई ने बताया, 'सहायक पुलिस उपनिरीक्षक यानी एएसआई गोपाल दास ने मंत्री पर गोली चला दी। मंत्री घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।'
इस घटना ने सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है क्योंकि नबा दास को एक बड़े कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पुलिस एस्कॉर्ट भी प्रदान किया गया था।
ओडिशा क्राइम ब्रांच मामले की जांच करेगी। फायरिंग की घटना के बाद बीजद कार्यकर्ताओं के धरने पर बैठने से मौके पर तनाव व्याप्त हो गया। ऐसा संदेह है कि गोलीबारी 'पूर्व नियोजित' थी क्योंकि मंत्री को कथित रूप से करीब से गोली मारी गई थी।
अपनी राय बतायें