ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दूसरे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिख कर कहा है कि सभी राज्य कोरोना टीका हासिल करने के लिए होड़ में शामिल होने के बजाय मिलजुल कर काम करें और सहकारी संघवाद की अवधारणा के तहत इस समस्या का समाधान खोजें।
उन्होंने कहा कि कोरोना टीके की खरीद केंद्रीय स्तर पर हो और उसका वितरण व टीकाकरण का विकेंद्रीकरण कर दिया जाए। उनके कहने का मतलब यह है कि केंद्र सरकार कोरोना टीका खरीदे और सभी राज्यों को दे जो टीकाकरण अपने स्तर पर करें।
नवीन पटनायक ने ज़ोर देकर कहा कि कोरना की संभावित तीसरी लहर से निपटने का सबसे सही तरीका यही है कि मिल जुल कर इसका सामना करें।
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तब तक कोई राज्य सुरक्षित नहीं है जब तक सभी राज्य टीकाकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं देते और युद्ध स्तर पर इसे लागू नहीं करते। कोरोना टीका हासिल करने के लिए राज्यों को आपस में होड़ नहीं करनी चाहिए।
नवीन पटनायक, मुख्यमंत्री ओडिशा
क्या कहा पटनायक ने?
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा स्थिति में सबसे अच्छा यह है कि केंद्र सरकार खुद कोरोना वैक्सीन खरीदे और सभी राज्यों को बाँट दे। इसके बाद कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण हो राज्यों पर यह छोड़ दिया जाए कि वे किस तरह टीकाकरण करते हैं।
Wrote to 11 CMs in the spirit of Cooperative Federalism. Quite unfortunate that Centre absolves itself of its duty to procure vaccines, ensure free universal vaccination. United effort to jointly pursue our genuine demand is the need of the hour, so that Centre acts immediately. pic.twitter.com/ILvEFYSpRu
— Pinarayi Vijayan (@vijayanpinarayi) May 31, 2021
इसके दो दिन पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर कहा था कि राज्यों से टीका खरीदने को कहना सहकारी संघवाद के सिद्धांत के ख़िलाफ है। उन्होंने केंद्र से मुफ़्त टीका देने को कहा था।
झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 1.57 करोड़ लोगों को कोरोना टीका देने पर लगभग 1,100 करोड़ रुपए का खर्च बैठेगा, जो राज्य पर बहुत बड़ा आर्थिक बोझ होगा।
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में कहा है कि 12 साल से 18 साल की उम्र के बच्चो-किशोरों को कोरोना वैक्सीन देने से राज्य सरकार पर अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
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