लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा एनडीए का कुनबा बढ़ाने की कोशिश में है। इसी बीच पिछले कई दिनों से अटकलें लग रही हैं कि भाजपा और बीजेडी के बीच गठबंधन हो सकता है। वहीं अब खबर आ रही है कि सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच पेंज फंस गया है।
सूत्रों का कहना है कि इन दोनों दलों के बीच पुरी और भुवनेश्वर सीट को लेकर सहमति बनती नहीं दिख रही है। सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बनने के बाद गठबंधन को लेकर हो रही बातचीत अब थम सी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओडिशा में भाजपा के अध्यक्ष मनमोहन सामल ने बयान दिया है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर कभी वार्ता हुई ही नहीं है। उन्होंने कहा कि, उनकी पार्टी ओडिशा में सरकार बनाना चाहती है, हम राज्य में अकेले चुनाव लडेंगे।
वहीं प्राप्त सूचना के मुताबिक बीजेडी अध्यक्ष और सीएम नवीन पटनायक के करीबी वीके पांडियन और प्रणब प्रकाश दास भाजपा शीर्ष नेतृत्व के सात वार्ता के लिए गुरुवार को नई दिल्ली गए थे। अब ये दोनों भी भुवनेश्वर लौट गए हैं।
वहीं ओडिशा बीजेपी अध्यक्ष मनमोहन सामल और उनके साथ ओडिशा से दिल्ली गए भाजपा नेता भी शुक्रवार को भुवनेश्वर लौट आए हैं। इसके बाद से ही खबर आने लगी है कि दिल्ली में बीजेपी और बीजेडी नेताओं की गठबंधन को लेकर हुई वार्ता बेनतीजा रही है।
ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं होने की स्थिति में अब भाजपा राज्य की सभी 147 विधानसभा सीटों और सभी 21 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है।
सूत्रों के मुताबिक दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत अंतिम चरण तक पहुंच चुकी थी, इसका बस ऐलान बाकि था। सूत्रों के मुताबिक पहले जो सहमति बनती दिख रही थी उसके मुताबिक भाजपा 13 से 14 सीटों पर और बीजेडी 7 से 8 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही जा रही थी। वहीं बीजेडी विधानसभा चुनाव में 95 से 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती थी।
गठबंधन पर फैसला लेने के लिए बुधवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सीएम नवीन पटनायक के घर पर बीजेडी नेताओं की एक लंबी बैठक हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक के बाद बीजेडी के उपाध्यक्ष देबी प्रसाद मिश्रा ने कहा था कि हमारी भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर चर्चा चल रही है। हमारी पार्टी बीजेडी ओडिशा के लोगों के हितों को देखते हुए जरूरी फैसला लेगी।
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