सभी लोग कोरियोग्राफ़र सरोज ख़ान को उनके इसी नाम से जानते हैं जबकि उनका असली नाम निर्मला नागपाल था। उन्होंने अपनी शादी से पहले इसलाम धर्म कबूल कर लिया था।
डांस की मल्लिका सरोज ख़ान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। फ़िल्म इंडस्ट्री को सरोज ख़ान के निधन से फिर एक बार झटका लगा है और सभी लोगों ने दुख जताया है।
आज यानी 30 जून को बाबा नागार्जुन का जन्मदिवस है। वह जनवादी-प्रगतिशील हिंदी और मैथिली कविता के अप्रीतम हस्ताक्षर हैं जिनका साहित्य और जीवन खिली हुई धूप सरीखा था।
देश सत्यजित राय जन्म शताब्दी वर्ष मना रहा है। विश्व प्रसिद्ध पाथेर पांचाली के अलावा अपराजितो, अपूर संसार, प्रतिद्वंद्वी और सीमाबद्ध जैसी कई सर्वश्रेष्ठ फ़िल्में बनाईं।
मशहूर फिल्मकार बासु चटर्जी का गुरुवार को निधन हो गया है। उनके निधन से हिंदी सिनेमा ने एक प्रयोगधर्मी व्यक्तित्व को खो दिया जिसकी जगह की भारपाई जल्दी संभव नहीं।
अजीत जोगी अचानक ऐसे चले जाएँगे यह उम्मीद तो नहीं थी। पिछड़े हुए इलाक़े जोगी डोंगरी से निकल कर इंजीनियर बनना ही आसान नहीं होता। वे इंजीनियर बने, फिर आईपीएस की परीक्षा पास की। यही नहीं रुके और आईएएस भी क्वालीफाई कर लिया।
आज जब ऋषि कपूर हमारे बीच नहीं रहे तो उनकी याद के सिलसिले में `बॉबी’ फ़िल्म का नाम सबसे पहले आता है। अपनी फ़िल्मी सक्रियता के लंबे दौर में वह कई पीढ़ियों के चहेते रहे।
अभिनेता ऋषि कपूर के निधन से पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री सदमे में है। ऋषि कपूर हमेशा मुस्कुराते रहे और आख़िरी समय में भी अस्पताल में डॉक्टरों के चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास करते रहे।