स्वर कोकिला बुलाए जाने वाली और भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर का रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थीं। उन्हें कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उनके निधन की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि लता मंगेशकर जी का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
देश की शान और संगीत जगत की शिरमोर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन बहुत ही दुखद है। पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी।
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 6, 2022
Lata-ji’s demise is heart-breaking for me, as it is for millions the world over. In her vast range of songs, rendering the essence and beauty of India, generations found expression of their inner-most emotions. A Bharat Ratna, Lata-ji’s accomplishments will remain incomparable. pic.twitter.com/rUNQq1RnAp
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 6, 2022
गडकरी आज अस्पताल में लता मंगेशकर से मुलाक़ात करने गए थे। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, '30 हजार से अधिक गाने गाकर उनकी आवाज़ ने संगीत की दुनिया को सुरों से नवाजा है। लता दीदी बेहद ही शांत स्वभाव और प्रतिभा की धनी थी।'
उन्होंने कहा कि लता जी हमेशा ही अच्छे कामों के लिए हम सभी को प्रेरणा देती रही हैं और भारतीय संगीत में उनका योगदान अतुलनीय है।
I am anguished beyond words. The kind and caring Lata Didi has left us. She leaves a void in our nation that cannot be filled. The coming generations will remember her as a stalwart of Indian culture, whose melodious voice had an unparalleled ability to mesmerise people. pic.twitter.com/MTQ6TK1mSO
— Narendra Modi (@narendramodi) February 6, 2022
Received the sad news of Lata Mangeshkar ji’s demise. She remained the most beloved voice of India for many decades.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 6, 2022
Her golden voice is immortal and will continue to echo in the hearts of her fans.
My condolences to her family, friends and fans. pic.twitter.com/Oi6Wb2134M
1929 में पैदा हुईं लता मंगेशकर पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। उनमें गायिका आशा भोंसले थीं जो आईसीयू में ले जाने के बाद अस्पताल में मंगेशकर से मिली थीं। उनके पिता शास्त्रीय संगीतकार पंडित दीनानाथ मंगेशकर थे। 1942 में जब उनके पिता की मृत्यु हो गई, 13 वर्षीय लता मंगेशकर ने संगीत में अपना करियर शुरू किया। मराठी फिल्मों में अभिनय के साथ गायन का काम किया। 1945 में मंगेशकर ने मधुबाला अभिनीत फिल्म महल के 'आयेगा आनेवाला' गीत हिट हुआ था। वहीं से लता मंगेशकर की आवाज़ और करियर ने ऊंचाइयों को छुआ।
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