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वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह का 94 वर्ष की उम्र में निधन

जनमोर्चा अख़बार के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह का आज निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और उन्हें फैजाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राजनीति और पत्रकार जगत से जुड़े लोगों ने कहा है कि शीतला सिंह जी के निधन से पत्रकारिता जगत की बहुत बड़ी क्षति हुई है। उन्होंने कहा है कि वह पत्रकारिता जगत के एक बड़े मजबूत स्तंभ थे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतला सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और कहा है कि उनकी संवेदनाएँ शोकाकुल परिवार के साथ हैं।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि शीतला सिंह जी हिंदी पत्रकारिता के ऐसे मजबूत स्तंभ थे जिन्होंने हमेशा लोकतंत्र एवं जनहित को सर्वोपरि रखा और कभी अपने आदर्शों से समझौता नहीं किया। प्रियंका ने कहा कि उनके जाने से पत्रकारिता जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।

यश भारती पुरस्कार से सम्मानित शीतला सिंह भारत प्रेस परिषद के सदस्य भी रहे। वह आजीवन जनमोर्चा के संपादक रहे। राम आंदलोन के समय शीतला सिंह का अख़बार जनमोर्चा देश भर के पत्रकारों की रिपोर्टिंग में मददगार साबित होता रहा। नवेद शिकोह लिखते हैं, 'राम आंदोलन के समय अयोध्या बाहरी मीडिया का केंद्र था और जनमोर्चा यहां का मेज़बान बनके देशभर के पत्रकारों का मददगार और मार्गदर्शक बनता था। जनमोर्चा की विश्वसनीयता को ताक़त देने वाले इस अख़बार के संपादक शीतला सिंह थे। शीतला सिंह का मतलब जनमोर्चा था और जनमोर्चा का अर्थ शीतला सिंह था।' वह कहते हैं कि ख़ासकर नब्बे के शुरुआती दशक में उनके इस स्थानीय अख़बार से लोग अयोध्या के नए मिजाज़ की पड़ताल करते थे।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक तस्वीर अक्सर खूब वायरल होती है, जब गोरखपुर के सांसद थे तब की इस तस्वीर में योगी पठन-पाठन कर रहे हैं और उनकी गोद में एक वानर बैठा है और सामने जनमोर्चा अखबार रखा दिखता है। नवेद लिखते हैं कि पत्रकारिता का संतुलन, निष्पक्षता का मर्म, सिद्धांत और मूल्यों की मौत के साथ शीतला सिंह जैसे पत्रकारों का निधन और भी रुलाता है।
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क़मर वहीद नक़वी
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