पत्रकार विनोद दुआ पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में 'द वायर' की बनाई एक्सटर्नल कंप्लेन कमिटी भंग कर दी गई है। कमिटी ने कहा है कि इसकी वजह यह है कि केस आगे नहीं बढ़ा। 'द वायर' ने एक बयान में कहा है कि कमिटी को दोनों पक्षों से बिना शर्त की सहमति नहीं मिली जो मामले में आगे की जाँच के लिए एकमात्र माध्यम हो सकता है। यह मामला #MeToo अभियान के दौरान फ़िल्ममेकर निष्ठा जैन के लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप से जुड़ा है।
'द वायर' के अनुसार, कमिटी ने ख़ुद को भंग किए जाने की एक-एक कॉपी दोनों पक्षों के अलावा 'द वायर' को भी 30 दिसम्बर को दी है। इसके साथ ही कमिटी ने यह भी साफ़ किया, ‘हम पूरी तरह से स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम न तो शिकायतकर्ता के आरोपों और न ही दूसरे पक्ष के प्रत्यारोपों और बचाव में दायर की गई याचिकाओं पर कोई टिप्पणी कर रहे हैं।’
फ़ेसबुक पर निष्ठा जैन के पोस्ट लिखे जाने के बाद 'द वायर' ने इस कमिटी का गठन 17 अक्टूबर, 2018 को किया गया था। निष्ठा ने आरोप लगाया था कि विनोद दुआ ने 1989 में उनका यौन शोषण किया था।
जाँच कमिटी के सामने क्या थी दिक़्क़त?
तीन बैठकों और सौ से ज़्यादा ईमेल के बाद कमिटी ने मामले की प्रगति और बाधाओं की समीक्षा की और इस नतीजे पर पहुँची कि अब जाँच को आगे बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है।
अपनी रिपोर्ट में कमिटी ने कहा कि निष्ठा जैन से लिखित शिकायत मिली। विनोद दुआ का जवाब और फिर निष्ठा की प्रतिक्रिया।
विनोद दुआ कमिटी के सामने पेश होकर किसी भी सवाल का जवाब दोने को तैयार थे, लेकिन न तो वह निष्ठा को क्रॉस-इग्ज़ामिन करना चाहते थे और न ही निष्ठा से ख़ुद क्रॉस-इग्ज़ामिन किए जाने को तैयार थे।
कमिटी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निष्ठा ने भी आशंकाएँ जताई थीं। उन्होंने एक्सटर्नल कमिटी के गठित किए जाने के तौर-तरीके और कमिटी के ख़ुद के बनाए नियम-शर्तों और प्रक्रियाओं को लेकर सवाल उठाए थे।
इस कमिटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अफ़ताब आलम, पटना हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, प्रो. पैट्रिसिया ओबेराय और प्रो. नीरा चंडोक शामिल थे।
एक्सटर्नल कंप्लेन कमिटी क्यों?
जिस वक़्त यह आरोप लगा था उस वक़्त दुआ द वायर के एक विडियो शो ‘जन गण मन की बात’ के एंकर और सलाहकार संपादक थे। वह 2016 से 'द वायर' के साथ जुड़े थे। निष्ठा के आरोप लगाने के बाद उन्हें कंपनी को छोड़ना पड़ा था और यह शो बंद हो गया।
'द वायर' के बयान में कहा गया है कि तथाकथित उत्पीड़न की घटना के समय दोनों में से कोई भी कंपनी में काम नहीं कर रहे थे, इसलिए संस्थान की अंदरूनी शिकायत जाँच कमिटी आरोपों की जाँच करने में सक्षम नहीं थी। हालाँकि, संस्थान ने कहा कि एक्सटर्नल कंप्लेन कमिटी इसलिये गठित की गई थी ताकि जैन की शिकायत और दुआ के इनकार की बात को सुना जाना सुनिश्चित किया जा सके।
निष्ठा ने क्या लिखा था फ़ेसबुक पोस्ट में
निष्ठा जैन ने लिखा था कि जून 1989 में जब वह जॉब के इंटरव्यू के सिलसिले में विनोद दुआ से मिलने गई थीं तब उन्होंने उन्हें अश्लील मज़ाक सुनाए थे। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान अपनी सैलरी को लेकर एक्सपेक्टेशन बताई तो विनोद दुआ ने कथित तौर पर कहा कि तुम्हारी औकात क्या है? निष्ठा के मुताबिक़ उनकी आँखों में आँसू आ गए और उन्होंने घटना के बारे में भाई व दोस्तों को बताया। निष्ठा आगे लिखती हैं कि बाद में एक जगह उनकी नौकरी लग गई और विनोद दुआ को इसकी जानकारी मिली। निष्ठा ने पोस्ट में लिखा, 'एक रात मैं पार्किंग में आ रही थी, तो वह वहाँ थे। उन्होंने कहा कि वह मुझसे बात करना चाहते हैं और मुझे कार में आने को कहा। मुझे लगा कि वह अपने व्यवहार के लिए माफ़ी माँगना चाहते थे।' निष्ठा के मुताबिक़ विनोद दुआ ने कथित तौर पर वहाँ उनका यौन उत्पीड़न किया।
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