क्या वह दिन आ गया है जब टीवी स्टूडियो में गोलियाँ चलेंगी और लाशें गिरेंगी? यह आशंका 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले पूरी हो जाए तो भी हैरान मत होइएगा। ज़ी टीवी के एक कार्यक्रम के दौरान कुछ यूँ हुआ।
जो माहौल आजकल बन गया है टीवी डिबेट का और राजनीतिक पार्टियों की तरफ़ से जिस तरह के टीवी पैनलिस्ट भेजे जाते है, उससे इस आशंका को सच होने में टाइम नहीं लगेगा।
टि्वटर के सीईओ जैक डोरसी पर लोगों ने एक जाति विशेष पर हमला करने का आरोप लगाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि टि्वटर को ऐसी नकारात्मकता को खत्म करने की ज़रूरत है।
अखबार घरानों और वैचारिक रूप से विरोधियों को निशाने पर लाने के लिए तरह तरह के तरीके अपना रही है मोदी सरकार। जो इससे असहमति दिखाते हैं, उन्हें वह आंख दिखाती है।