loader

फॉक्स न्यूज ने फैलाई फर्जी खबर, देने होंगे करीब 65 अरब डॉलर 

अमेरिका के एक बड़े मीडिया हाउस फॉक्स न्यूज को फर्जी खबर फैलाने के बदले 787.5 मिलियन डॉलर देने पड़े। उसे यह मोटी रकम अमेरिकी कंपनी डोमिनियन वोटिंग सिस्टम्स को देने पड़े जिसके बारे में उसने फर्जी खबरें फैलाई थीं। फॉक्स न्यूज ने कोर्ट में स्वीकार किया उसने फेक न्यूज फैलाई थी लेकिन बाद में फॉक्स न्यूज और डोमिनियन के बीच समझौता हो गया। न्यू यॉर्क टाइम्स ने यह खबर देते हुए बताया है कि पैसा भरना और समझौता करना दरअसल फॉक्स न्यूज की मजबूरी थी। अगर यह मुकदमा आगे बढ़ता तो फॉक्स के संस्थापक रूपर्ट मर्डोक से लेकर सारे बड़े मैनेजरों और स्टारों को कोर्ट में सवाल-जवाब के लिए हाजिर होना पड़ता।

Fox News spread fake news, will have to pay about $ 65 billion - Satya Hindi

फेक न्यूज पर अमेरिकी मीडिया इतिहास का इतना बड़ा समझौता भारतीय मीडिया के लिए एक सबक हो सकता है। भारत में तो मीडिया के ज्यादातर तबके पर आरोप है कि वो विपक्ष के बारे में झूठी खबरें फैलाता है और केंद्र की बीजेपी सरकार से मिलकर चलता है। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि उन्हें बदनाम करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए। जिसमें मीडिया की भी भूमिका थी। इसी तरह चुनाव नतीजों से पहले एग्जिट पोल की आड़ में नतीजों को प्रभावित करने का आरोप भारत में लगता रहा है। देखना है कि भारतीय मीडिया अमेरिका में हुए इस घटनाक्रम से कुछ सीखता है या नहीं।  

 

ताजा ख़बरें

न्यू यॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि अगर यह केस आगे बढ़ता तो फॉक्स न्यूज के लोगों को इस सवाल का जवाब देना पड़ता कि फॉक्स न्यूज ने आखिर 2020 के चुनाव के बारे में एक जहरीली और अपमानजनक साजिश के सिद्धांत को पूरे नेटवर्क में फैलने की अनुमति क्यों दी जबकि उनमें से बहुत से लोग इसे झूठा जानते थे? फॉक्स और डोमिनियन के समझौते के बाद डोमिनियन के वकील ने दो महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं। उसने कहा - झूठ के नतीजे खतरनाक होते हैं और जवाबदेही की कीमत पैसा है।

न्यू यॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि फॉक्स न्यूज ने डोमिनियन के बारे में झूठ बोलने की बात स्वीकार की। डोमिनियन कंपनी के सीईओ जॉन पॉलोस ने मुकदमे के दौरान मंगलवार को आखिरी मिनट में फॉक्स न्यूज नेटवर्क के साथ 787.5 मिलियन डॉलर का समझौता किया। जॉन पॉलोस ने बयान में कहा- फॉक्स और डोमिनियन एक ऐतिहासिक समझौते पर पहुंच गए हैं। फॉक्स ने डोमिनियन के बारे में झूठ बोलना स्वीकार किया है। जिससे मेरी कंपनी, हमारे कर्मचारियों और हमारे ग्राहकों को भारी नुकसान हुआ है। कोई भी चीज इसकी भरपाई नहीं कर सकती है।
डोमिनियन के सीईओ जॉन पॉलोस ने कहा, इस पूरी प्रक्रिया के दौरान हमने जवाबदेही मांगी। हम मानते हैं कि इस मामले के माध्यम से सामने आए सबूत झूठ फैलाने और समर्थन करने के नतीजों को ही रेखांकित करते हैं।
Fox News spread fake news, will have to pay about $ 65 billion - Satya Hindi
डोमिनियन के सीईओ जॉन पॉलोस
हालांकि न्यू यॉर्क टाइम्स का कहना है कि समझौते की एक शर्त यह भी है कि फॉक्स न्यूज एंकरों को ऑन-एयर यह स्वीकार नहीं करना पड़ेगा कि उन्होंने डोमिनियन वोटिंग सिस्टम्स के बारे में झूठ बोला था।
2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में फॉक्स न्यूज ने डोमिनियन वोटिंग सिस्टम्स पर आरोप लगाया था कि उसकी मशीन ट्रंप के वोट भी बाइडेन की तरफ गिन रहा है और इस तरह बाइडेन को जीता हुआ बता रहा है। डोमिनियन अमेरिका का मशहूर वोटिंग सिस्टम है। जिसके वोटिंग मशीन का इस्तेमाल आमतौर पर सभी जगह किया जाता है। फॉक्स न्यूज ने तमाम कॉन्सपिरेसी (साजिश) थ्योरी डोमिनियन के बारे में गढ़ी, ताकि लोग उसके बाइडेन को मिल रहे वोट पर विश्वास नहीं करें।
डोमिनियन वोटिंग सिस्टम्स का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील- जस्टिन नेल्सन ने कहा कि फॉक्स न्यूज के साथ $787 मिलियन से अधिक का समझौता "सच्चाई और जवाबदेही के लिए एक जोरदार समर्थन" है। सच्चाई मायने रखती है। झूठ आखिर झूठ होता है।जस्टिन नेल्सन ने कहा, दो साल से अधिक समय पहले "झूठ की धार" ने डोमिनियन और चुनाव अधिकारियों को पूरे अमेरिका में बदनाम कर दिया था, जिससे "डोमिनियन और देश को गंभीर नुकसान हुआ था। 
मीडिया से और खबरें
इस मामले में अटॉर्नी ने चेतावनी देते हुए कहा कि देश को "सामान्य आधार खोजने के लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए। उम्मीद है कि हमें तथ्यों के प्रति प्रतिबद्धता साझा करनी चाहिए।

डोमिनियन वोटिंग सिस्टम्स को फॉक्स न्यूज के लिए आवश्यक भुगतान अमेरिकी इतिहास में किसी मीडिया कंपनी से जुड़ा सबसे बड़ा ज्ञात मानहानि समझौता है। इससे पहले 2017 में, बीफ प्रोडक्ट्स इंक के साथ कानूनी विवाद के बाद एबीसी न्यूज ने $177 मिलियन का भुगतान किया था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

मीडिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें