महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चल रहे संघर्ष के बीच शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने एनसीपी के बाग़ी नेता अजीत पवार को कुछ मामलों में क्लीन चिट देने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है। अर्जी में यह भी माँग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट फडणवीस सरकार को नीतिगत मामलो में फ़ैसला लेने से रोकने के लिए निर्देश जारी करे।
सोमवार शाम को तब ख़ासा हंगामा हो गया था जब कई मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया कि अजीत पवार के ख़िलाफ़ सिंचाई घोटाले वाला केस एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी ने बंद कर दिया है और इसके लिए एसीबी के नाम से जारी एक पत्र का हवाला भी दिया गया। लेकिन इस ख़बर के आने के तुरंत बाद ही एसीबी के अधिकारियों ने सफ़ाई दी कि अजीत पवार के ख़िलाफ़ कोई केस बंद नहीं किया गया है।
इन ख़बरों के सामने आने के बाद महाराष्ट्र एंटी-करप्शन ब्यूरो के डीजी परमबीर सिंह ने कहा था कि एसीबी सिंचाई से जुड़े मामलों में क़रीब 300 टेंडरों की जाँच कर रही है। उन्होंने कहा था, 'ये सब मामले रूटीन एन्क्वायरी का हिस्सा हैं जिन्हें बंद किया जा रहा है और बाक़ी की जाँच जारी रहेगी। जिन केसों को बंद किया गया है, उनका अजीत पवार से कोई लेना-देना नहीं है।'
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