विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एशिया की सबसे बड़ी स्लम बस्ती कही जाने वाली धारावी में जिस तरह कोरोना वायरस को फैलने से रोका गया, उसकी तारीफ़ की है।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहेनॉम ने कहा कि इटली, स्पेन, दक्षिण कोरिया और भारत की सबसे बड़ी स्लम बस्ती धारावी के उदाहरण से कहा जा सकता है कि हालांकि वायरस का प्रकोप बहुत ज़्यादा था लेकिन इसका आक्रामक ढंग से मुक़ाबला कर इसे रोका जा सकता है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि कम्युनिटी एंगेजमेंट, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और जितने भी लोग बीमार हैं, सभी के इलाज पर ध्यान देकर वायरस के ट्रांसमिशन को रोका जा सकता है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख की इस टिप्पणी पर महाराष्ट्र सरकार मे मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर बृहन्मुंबई नगर पालिका (बीएमसी) के कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों और धारावी में रहने वालों को बधाई दी और इसी तरह आगे भी इस वायरस से लड़ाई जारी रखने के लिए कहा है।
बीएमसी के जी नॉर्थ वार्ड के सहायक आयुक्त किरण दिघावकर ने शनिवार को पीटीआई से कहा, ‘प्रोएक्टिव स्क्रीनिंग से वायरस का शुरुआत में ही पता लगाने, समय से इलाज करने और लोगों के ठीक होने में मदद मिली।’
बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि धारावी में सात लाख से ज़्यादा लोगों की टेस्टिंग की जा चुकी है। सरकार ने यहाँ बड़ी संख्या में फीवर क्लीनिक्स बनाए हैं।
एक समय यह बस्ती कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बन चुकी थी लेकिन अब धारावी ने कोरोना महामारी को लगभग हरा दिया है। ढाई से तीन किलोमीटर के दायरे में बसी इस बस्ती में क़रीब 12 लाख लोग रहते हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि सोशल डिस्टेंसिंग यहां एक असंभव काम है।
धारावी में शुक्रवार को संक्रमण के 12 नए मामले सामने आए और अब तक यहां संक्रमित मामलों की कुल संख्या 2,359 हो गयी है। इसमें से सिर्फ़ 166 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 1,952 मरीज ठीक हो चुके हैं। धारावी में पहले हर रोज़ 90 के आसपास कोरोना के नए मामले सामने आ रहे थे लेकिन अब यह संख्या काफी घट गई है।
मुंबई में ‘मिशन जीरो’ अभियान
दूसरी ओर, मुंबई में भी कोरोना के मामलों पर पूरी तरह नियंत्रण की योजना बनाकर काम किया जा रहा है। इसके लिए बीएमसी ने मुंबई के छह वार्डों - बोरिवली, कांदिवली, दहिसर, मलाड, मुलुंड और भांडुप में ‘मिशन जीरो’ अभियान शुरू किया है। मुंबई में अब तक 1 करोड़ से ज़्यादा लोगों का सर्वे किया जा चुका है। धारावी और दक्षिण और मध्य मुंबई के करीब सभी हिस्सों में संक्रमण की दर काफी गिर चुकी है।
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