यूपीए के चेयरपर्सन पद के लिए कई बार एनसीपी प्रमुख शरद पवार की हिमायत कर चुके शिव सेना सांसद संजय राउत अब अपने पुराने बयानों से पीछे हटते दिख रहे हैं। राउत ने गुरूवार को कहा कि उन्होंने कभी भी ऐसा नहीं कहा कि सोनिया गांधी की जगह पवार को यूपीए का चेयरपर्सन बनाया जाना चाहिए। राउत ने सफाई दी कि उन्होंने सिर्फ़ यूपीए को मजबूत करने की बात कही थी।
राउत ने एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा कि उन्होंने कभी भी सोनिया या राहुल गांधी की आलोचना नहीं की है बल्कि जब भी राजनीतिक विरोधियों ने उन पर हमले किए, वे उनके साथ खड़े रहे हैं।
राउत ने देशमुख को एक्सीडेंटल होम मिनिस्टर कहे जाने पर सफाई दी कि दुर्घटना से कुछ घटित होने की बात कहना एक मुहावरा है। उन्होंने इस बयान पर अजित पवार की नाराजगी को लेकर कहा कि जिन लोगों ने तड़के शपथ ले ली थी, वे खेल बिगाड़ने वाले लोग हैं।
याद दिला दें कि 2019 में अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस ने सुबह ही शपथ ले ली थी। अजित पवार उप मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन अजित पवार की यह बग़ावत सफल नहीं हुई थी और उनके साथ गए एनसीपी के विधायक कुछ दिन के भीतर ही वापस लौट आए थे।
पटोले ने किया था विरोध
राउत द्वारा पवार की यूपीए चेयरपर्सन पद के लिए हिमायत किए जाने का महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने जोरदार विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि शिव सेना तो यूपीए का हिस्सा भी नहीं है। पटोले ने कहा था कि कांग्रेस इसे लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने नाराजगी दर्ज कराएगी। माना जा रहा है कि हालात को बिगड़ते देख ठाकरे ने राउत को ऐसे बयानों से बचने के लिए कहा हो और उसके बाद ही राउत को सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा हो।
हाल ही में शरद पवार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाक़ात होने की ख़बर भी आई लेकिन एनसीपी और शिव सेना ने ऐसी किसी मुलाक़ात का खंडन किया है। इसे लेकर भी महाराष्ट्र की सियास गर्म है। बहरहाल, संजय राउत के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि यूपीए के चेयरपर्सन पद के लिए सोनिया गांधी को अब चुनौती नहीं मिलेगी।
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